India foreign policy

  • मुनीर है ट्रंप, शी के खास और मोदीजी?

    हिसाब से भारतीय सेना, भारत के हर देशभक्त को चीन की सैन्य परेड से जाहिर ताकत पर सोचना चाहिए। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तीन सितंबर को बीजिंग की परेड से न केवल अमेरिका के आगे, उसकी बराबरी की सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया, बल्कि बगल में पुतिन, किम जोंग उन तथा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, उनके आर्मी चीफ मुनीर सहित दक्षिण एशिया के उन देशों के प्रमुखों को बैठा कर बताया कि भारत अब क्या हैं! मालदीव, नेपाल से लेकर म्यांमार के सैनिक राष्ट्रपति सहित कोई बीस देशों के नेता शी जिनपिंग की बारात के खास मेहमान थे। गनीमत...

  • ऐंवे विदेश नीति के मजाक!

    हां, गौर करें 2014 से 2025 के बीच अमेरिका, चीन, रूस से पाकिस्तान, बांग्लादेश, मालदीव तक के भारत रिश्तों पर अपनी विदेश नीति का क्या अर्थ बना है? चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग को झूला झुलाने से लेकर नवाज शरीफ के घर जा कर पकौड़े खाने से अबकी बार ट्रंप सरकार के नारे का वह एक सिलसिला, जिससे दुनिया में सिर्फ यह साबित हुआ है कि भारत का कोई अर्थ नहीं है फिर भले भारत का विदेश मंत्रालय दुनिया के देशों से अपने प्रधानमंत्री को चाहे जितने राष्ट्रीय सम्मान दिलाए। भारत तो एक एक्सट्रीम से दूसरे एक्सट्रीम तक झूला झूलने...

  • रहबरी का सवाल है!

    साल 2019 के बाद से भारत संयुक्त राष्ट्र में मतदान से जितनी बार बाहर रहा है, उतना पहले कभी नहीं हुआ था। मोदी सरकार सचमुच ग्लोबल साउथ की रहबरी करना चाहती है, तो उसे ये नजरिए छोड़ना होगा। प्रधानमंत्री की एक और विदेश यात्रा का एलान हो गया है। इस बार नरेंद्र मोदी मालदीव और ब्रिटेन जाएंगे। अगर उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में भाग लेने का फैसला किया, तो अगले महीने के आखिर में उनकी चीन यात्रा होगी। कुछ ही समय पहले मोदी ने कनाडा में जी-7 (बतौर विशेष आमंत्रित) और ब्राजील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में...

  • भारत का कोई सगा नहीं!

    कोई न माने लेकिन नोट रखें इस दो टूक सत्य को कि अब भारत विश्व राजनीति की ‘बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना’ है! हम भले 22 मिनट के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर अपनी पीठ थपथपाएं लेकिन विश्व राजधानियों में भारत की असलियत खुल गई है। तभी न पुतिन साथ हैं, न शी जिनफिंग साथ हैं और न डोनाल्ड ट्रंप का हाथ है। सभी का रूख बदला हुआ है। सभी बूझ गए है कि भारत महज एक बाजार है। यदि पाकिस्तान पर छोटे से 22 मिनट के सैनिक ऑपरेशन के बाद भी भारत को डोनाल्‍ड ट्रंप की मध्यस्थता के भरोसे था तो...