india us trade deal

  • ‘सकारात्मक और अग्र-द्रष्टा’?

    व्यापार वार्ता के ताजा दौर के बाद जारी बयान से यह जाहिर नहीं होता कि अमेरिका ने जो शर्तें लगाई हैं और भारत ने अपनी जो लक्ष्मण रेखा बता रखी है, क्या उन पर दोनों देश अपना रुख नरम करने को तैयार हैं? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की कथित ‘दोस्ती’ में लौटती ‘गरमाहट’ के बीच भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर फिर से वार्ता शुरू हुई है। इसके लिए अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच भारत आए। नई दिल्ली में भारतीय दल के साथ उनकी सात घंटों तक बातचीत हुई। उस बारे में...

  • भारत पर ट्रंप का यू टर्न

    नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत के प्रति राय बदल गई है। अब उन्होंने कहा है कि वे भारत के साथ संबंधों को फिर से पहले जैसा करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके दोस्त हैं और दोस्त बने रहेंगे। इससे एक दिन पहले उन्होंने भारत के प्रति अपना नजरिया बदलने का संकेत देते हुए भारत के चीन के नजदीक जाने का मुद्दा उठाया था। अब उन्होंने संबंधों को फिर से बहाल करने की  बात कही है, जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सद्भावपूर्ण प्रतिक्रिया दी है। राष्ट्रपति ट्रंप...

  • डॉनल्ड ट्रंप के कांटे

    ट्रंप की टिप्पणियां भारतीय प्रभु वर्ग और मीडिया द्वारा भारतवासियों के फुलाये गए अहं में पिन चुभा रही हैँ। जरूरत से ज्यादा फुला हुआ ये अहं का गुब्बारा मौजूदा सत्ताधारी पार्टी की एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक पूंजी रहा है। डॉनल्ड ट्रंप के भारतीय अर्थव्यवस्था को मृत बताने से देश के प्रभु वर्ग का एक बड़ा हिस्सा आहत है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने उपरोक्त टिप्पणी द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए उनकी सभी शर्तों पर फिलहाल भारत के राजी ना होने के बाद की। बाद में अमेरिकी वाणिज्य मंत्री स्कॉट बेसेंट ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि भारत के इस रुख से ट्रंप...

  • ट्रंप जो चाहते हैं क्या भारत दे देगा?

    सवाल है कि आखिर ट्रंप क्या चाहते हैं? आर्थिक मामलों के जानकार लोग अखबारों में लिख रहे हैं कि ट्रंप का प्रशासन भारत के वाणिज्य मंत्रालय की वार्ताकार टीम के रवैए से परेशान है और फ्रस्ट्रेशन में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अनापशनाप बयान दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि भारत के वार्ताकार किसी कीमत पर कृषि और डेयरी का क्षेत्र अमेरिकी उत्पादों के लिए खोलने पर राजी नहीं हैं। भारत की चिंता वाजिब और वस्तुनिष्ठ है। भारत में कृषि और पशुपालन जीवन चलाने का साधन है, जबकि अमेरिका में यह उद्योग है। वहां सरकार लाखों करोड़ डॉलर की सब्सिडी...

  • डील से अच्छा नो-डील!

    ट्रंप किसी भी देश के साथ व्यापार समझौता नहीं चाहते। बल्कि उनका पहले से तैयार मनमाफिक एजेंडा है, जिसे वे थोपना चाहते हैं। इस एजेंडे के जरिए वे सारी विश्व अर्थव्यवस्था को पूर्णतः अमेरिकी हित में ढालना चाहते हैं। अमेरिका ने भारत के सामने कुआं और जानलेवा खाई के बीच एक चुनने का विकल्प रख दिया है। अब ये साफ है कि डॉनल्ड ट्रंप किसी भी देश के साथ कोई व्यापार समझौता नहीं चाहते। बल्कि उनका पहले से तैयार मनमाफिक एजेंडा है, जिसे वे अन्य देशों पर थोपना चाहते हैं। इस एजेंडे के जरिए वे सारी विश्व अर्थव्यवस्था को पूर्णतः...

  • अमेरिकी टीम 25 अगस्त को भारत आएगी

    नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच चल रही मुक्त व्यापार संधि की बातचीत अटक जाने की खबरों के बीच बताया गया है कि अमेरिका की एक टीम आगे की वार्ता के लिए 25 अगस्त को भारत के दौरे पर आएगी। गौरतलब है कि टैरिफ बढ़ाने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा की डेडलाइन एक अगस्त को खत्म हो रही है। अब उसमें दो दिन बचे हैं। लेकिन उससे पहले दोनों देशों के बीच व्यापार संधि नहीं हो रही है। बताया गया है कि अमेरिकी अधिकारियों की एक टीम व्यापार वार्ता के लिए 25 अगस्त को भारत आएगी। यहां...

  • भारत इतना साहस तो दिखाए!

    बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप ने सस्पेंस बढ़ाया। कहा, “हम भारत के साथ एक समझौते के बेहद करीब हैं, जहां वे बाज़ार खोलने को तैयार हैं… हम भारत तक पहुंच प्राप्त करने जा रहे हैं। और आपको समझना होगा, हमें पहले इन देशों में कोई पहुंच नहीं थी। हमारे लोग वहां नहीं जा सकते थे। और अब हम टैरिफ के ज़रिए पहुंच हासिल कर रहे हैं”। इसमें कोई संदेह नहीं कि भारत की आवश्यकता है कि वह अमेरिका से राजी खुशी व्यापार करार करे। और यदि चीन, वियतनाम, इंडोनेशिया के साथ अमेरिका की जो टैरिफ दरें हैं, उनसे कम दर पर...

  • अमेरिका ने बढ़ाई समझौते की सीमा

    नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संधि को लेकर वार्ता जारी है। जानकार सूत्रों का कहना है कि इसकी उलटी गिनती चल रही है और किसी भी समय इसकी घोषणा हो सकती है। यहां तक बताया गया है कि सात जुलाई की देर रात या आठ जुलाई को इसकी घोषणा हो सकती है। गौरतलब है कि नौ जुलाई को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दी हुई डेडलाइन खत्म हो रही है। लेकिन उससे पहले ट्रंप प्रशासन ने यह सीमा बढ़ाने का ऐलान किया है। अब भारत और दूसरे देशों के पास अमेरिका से समझौता करने के लिए एक अगस्त...

  • महंगी पड़ी है खामख्याली

    अपने मौजूदा कार्यकाल में ट्रंप भारत के प्रति कोई विशेष भाव दिखाते नजर नहीं आए हैं। चाहे व्यापार वार्ता हो, या सामरिक एवं कूटनीतिक क्षेत्र- ट्रंप प्रशासन अपनी परिभाषा के अनुरूप ‘अमेरिका फर्स्ट’ की अपनी नीति पर अमल कर रहा है। अमेरिका से द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए वॉशिंगटन गए भारतीय दल के फिर खाली हाथ लौटने के बाद वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसी समयसीमा के दबाव में भारत ऐसे समझौते पर दस्तखत नहीं करेगा, जो राष्ट्रीय हित में ना हो। स्पष्टतः गोयल नौ जुलाई की समयसीमा के संदर्भ में टिप्पणी कर रहे थे, जो अमेरिका के...

  • बिना करार किए लौटी भारतीय टीम

    नई दिल्ली। अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता के लिए वॉशिंगटन गई भारतीय टीम वापस लौट आई है। दोनों देशों के बीच व्यापार संधि की शर्तों पर सहमति नहीं बनी है। हालांकि अब भी उम्मीद जताई जा रही है कि नौ जुलाई की डेडलाइन समाप्त होने से पहले संधि पर दस्तखत हो सकते हैं। गौरतलब है कि भारतीय टीम 26 जुलाई से अमेरिका में वार्ता कर रही थी। लेकिन शुक्रवार, चार जुलाई को वापस लौट आई है। पहले खबर आई थी कि टीम वहां रूक गई है ताकि समझौते को अंतिम रूप दिया जा सके। अमेरिका के साथ वार्ता के लिए...

  • अमेरिका से करार कभी भी

    नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की घोषणा कभी भी हो सकती है। दोनों देशों के वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी लगातार बातचीत कर रहे हैं और कहा जा रहा है कि भारत पशु आहार के मामले में कुछ ढील देने को तैयार हो गया है। वैश्विक मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि अमेरिका के साथ होने वाले व्यापार समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने के लिए भारत जेनेटिकली मॉडिफाइड पशु आहार के आयात की मंजूरी दे सकता है। नौ जुलाई से पहले व्यापार समझौता करना जरूरी है नहीं तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की...

  • भारत-अमेरिका समझौता जल्दी

    नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता बहुत जल्दी होने वाला है। इस बारे में वार्ता करने के लिए अमेरिका के दौरे पर गई भारतीय टीम ने लौटने का कार्यक्रम आगे बढ़ा दिया ताकि वार्ता जल्दी से जल्दी पूरी की जा सके। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच जल्दू ही एक व्यापार समझौता होगा। ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि इस व्यापार समझौते के बाद टैरिफ काफी कम होंगे। ट्रंप ने इसे दोनों देशों के बाजारों में बेहतर प्रतिस्पर्धा के लिए अच्छ बताया। गौरतलब है कि दोनों...

  • कितना खुलेगा ‘इंडिया’?

    क्या ट्रंप प्रशासन के साथ व्यापार समझौते पर दस्तखत से पहले भारत सरकार अपने देशवासियों को भरोसे में लेगी? क्या उन्हें समझौते के संभावित परिणामों के बारे में बताया जाएगा? और अपने दरवाजे खोलने के बदले भारत को क्या मिलेगा? डॉनल्ड ट्रंप का अंदाज अब सबको समझ में आ गया है। वे बढ़ा-चढ़ा कर बातें करते हैं। फिर अपनी घोषणाओं से पीछे हटने में भी उन्हें ज्यादा वक्त नहीं लगता। फिर भी, उनकी हैसियत ऐसी है कि उनके सनसनीखेज एलान से कान खड़े हो जाना लाजिमी है। इसीलिए भारत से द्विपक्षीय व्यापार वार्ता के बारे में उनके ताजा बयान से...

  • अब फौलादी इरादा दिखाएं

    ट्रंप प्रशासन टैरिफ युद्ध के जरिए दुनिया भर से अतिरिक्त वसूली की नीति पर चल रहा है। इसमें वह दोस्त या सहयोगी देशों से भी रियायत नहीं कर रहा है। तो जाहिर है, भारत भी कोई अपेक्षा नहीं रख सकता। अमेरिका ने स्टील और अल्यूमिनियम के आयात पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने के खिलाफ भारत की डब्लूटीओ में की गई शिकायत को ठुकरा दिया है। भारत ने अपनी शिकायत में कहा था कि अमेरिका का ये कदम संरक्षणवादी है, जो विश्व व्यापार संगठन के नियमों के खिलाफ है। मगर डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन ने दावा किया है कि उसने यह कदम...

  • करार में एकतरफा रियायतें?

    ट्रंप प्रशासन नियम आधारित व्यवस्थाओं की धज्जियां उड़ा रहा है। वह डब्लूटीओ के नियमों को ताक पर रख कर तमाम देशों से अधिकतम वसूली की नीति पर चल रहा है। इसका बिना प्रतिरोध किए उसे एकतरफा रियायतें देना समस्याएं खड़ी करेगा। भारत- अमेरिका के बीच चार दिन की व्यापार वार्ता के बाद संकेत है कि शायद एक साथ एकमुश्त द्विपक्षीय करार नहीं होगा। बल्कि यह तीन चरणों में होगा। पहला चरण जून के आखिर तक पूरा करने का लक्ष्य है, ताकि ट्रंप प्रशासन के जैसे को तैसा शुल्क में मिली छूट की 90 की अवधि खत्म होने पर भारत उस...

  • रास्ता आसान नहीं है

    मोदी-वेंस वार्ता के बाद जारी विज्ञप्तियों में कहा गया कि द्विपक्षीय व्यापार समझौते में ध्यान ‘दोनों देशों की जनता के कल्याण’ पर केंद्रित है। मगर इस समझौते की पृष्ठभूमि को ध्यान में रखें, तो यह दावा अतिशयोक्ति मालूम पड़ता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस ने भारत- अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार में हुई “महत्त्वपूर्ण” प्रगति का स्वागत किया है। भारत यात्रा पर आए वेंस की मोदी से हुई बातचीत के बाद दोनों देशों की विज्ञप्तियों में कहा गया कि प्रस्तावित समझौते में ध्यान ‘दोनों देशों की जनता के कल्याण’ पर केंद्रित रखा गया है। मगर इस समझौते...

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