Jharkhand asseimbly election

  • झारखंड में भी धार्मिक जगहों पर हारी भाजपा

    Jharkhand Assembly election, जिस तरह लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी फैजाबाद सीट पर हारी, जिसके तहत अयोध्या धाम भी उसी तरह झारखंड में भी वह लगभग धार्मिक जगहों पर चुनाव हार गई है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सीट पर समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने भाजपा के लल्लू सिंह को हराया था। उसके बाद संसद के पहले सत्र में विपक्षी पार्टियों ने अवधेश प्रसाद को ट्रॉफी की तरह पेश किया। उन्हें अगली पंक्ति में बैठाया गया और मीडिया से भी खूब बातचीत कराई गई। इस बार फैजाबाद वाली कहानी झारखंड में दोहराई गई है। भारतीय जनता...

  • झारखंड में कांग्रेस का बहुत कमजोर प्रचार

    Jharkhand Assembly Election झारखंड में सरकार चला रही झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने भाजपा के स्टार प्रचारकों की भारी भरकम टीम के पसीने छुड़ाए हैं। लेकिन कांग्रेस की वजह से जेएमएम की चिंता बढ़ी है। गठबंधन में सीट बंटवारे के समय कांग्रेस ने दबाव बना कर 30 सीटें ले ली, जबकि उस समय भी जेएमएम का कहना था कि कांग्रेस के पास इतनी सीटों पर लड़ने के लिए मजबूत उम्मीदवार नहीं हैं। जेएमएम ने कहा था कि कांग्रेस के ज्यादातर विधायकों की स्थिति कमजोर है और...

  • झारखंड चुनाव भाजपा आलाकमान का

    महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और दोनों चुनावों का एक बुनियादी फर्क यह है कि महाराष्ट्र में जहां प्रदेश नेतृत्व चुनाव लड़ा रहा है और गठबंधन की पार्टियां अपना अपना चुनाव लड़ रही हैं वहीं झारखंड में भाजपा का आलाकमान चुनाव लड़वा रहा है। महाराष्ट्र में भाजपा के पास सिर्फ एक पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस हैं फिर भी उनके पास चुनाव की जिम्मेदारी है, जबकि झारखंड में भाजपा के पास पांच पूर्व मुख्यमंत्री है लेकिन किसी को चुनाव लड़वाने की जिम्मेदारी नहीं दी गई है। सब अपना चुनाव लड़ रहे हैं या अपने परिवार के सदस्यों...

  • कांग्रेस का चुनाव लड़ाने वाला कोई नहीं

    एक तरफ भाजपा में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली है और प्रदेश के नेताओं को चुनाव लड़ने में लगाया है तो दूसरी ओर कांग्रेस में ज्यादातर बड़े नेता चुनाव नहीं लड़ रहे हैं और केंद्रीय नेतृत्व को भी चुनाव से कोई खास मतलब नहीं दिख रहा है। पहले चरण के मतदान वाले इलाकों में राहुल गांधी की दो दिन रैलियां जरूर हुईं लेकिन कोई फॉलोअप नहीं है और न दूसरा कोई राष्ट्रीय नेता प्रचार करता दिख रहा है। कांग्रेस ने चुनाव से तीन महीने पहले केशव महतो कमलेश को प्रदेश अध्यक्ष बनाया। लेकिन वे न...

  • राहुल के निशाने पर मोदी

    रांची। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को लगातार दूसरे दिन झारखंड में कांग्रेस के लिए चुनावी रैली की। शुक्रवार को उन्होंने सिमडेगा और लोहरदगा में रैली की थी और शनिवार को राहुल ने झारखंड के बाघमारा और जमशेदपुर में रैली की। दोनों रैलियों में प्रधानमंत्री मोदी उनके निशाने पर थे। उन्होंने कहा- मोदी जी ने अमीर लोगों का 16 लाख करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया है। अगर ‘इंडिया’ ब्लॉक की सरकार बनेगी तो हम आम लोगों को 20 लाख करोड़ रुपया देंगे। राहुल ने कहा- हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री गरीबों, किसानों, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों के पास जाते ही नहीं...

  • राहुल ने झारखंड में कांग्रेस की गारंटी गिनवाई

    रांची। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आखिरकार चुनाव प्रचार के लिए झारखंड पहुंचे। पहले चरण की 43 सीटों के लिए प्रचार बंद होने से तीन दिन पहले शुक्रवार को राहुल ने झारखंड के ईसाई बहुल सिमडेगा से विधानसभा चुनाव के प्रचार की शुरुआत की। सिमडेगा के बाद उन्होंने लोहरदगा में दूसरी सभा की। सिमडेगा के गांधी मैदान में करीब आधे घंटे के भाषण में उन्होंने आदिवासियों का मुद्दा उठाया, अंबानी, अडानी पर हमला बोला, संविधान का जिक्र किया और कांग्रेस की गारंटी गिनवाई। राहुल गांधी ने कहा- हम आदिवासियों, दलितों और पिछड़े की हक की बात करते हैं। इस पर मोदी...

  • किसी नेता को झारखंड जाने की फुरसत नहीं

    कांग्रेस पार्टी झारखंड विधानसभा का चुनाव लड़ रही है और हरियाणा व जम्मू कश्मीर की हार के बाद झारखंड में पार्टी के नेता अच्छी खबर की संभावना देख रहे हैं। पिछली बार झारखंड में कांग्रेस 31 सीटों पर लड़ कर 16 सीटों पर जीती थी। इस बार लोकसभा चुनाव में उसने दो सीटें जीती हैं और विधानसभा सीटों में 30 सीटों पर लड़ रही है। लेकिन कांग्रेस का कोई बड़ा नेता झारखंड के चुनाव प्रचार में नहीं उतरा है। पहले चरण में 43 सीटों पर 13 नवंबर को मतदान है, उससे आठ दिन पहले मंगलवार, पांच नवंबर को जेएमएम, कांग्रेस...

  • सूरत, इंदौर जैसा प्रयोग झारखंड में नहीं चला

    लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने दो प्रयोग किए थे। हालांकि पार्टी की उदारता है कि उसने इसे पेटेंट नहीं कराया। लेकिन कालांतर में यह सूरत प्रयोग और इंदौर प्रयोग के नाम से भारत की राजनीति में स्थापित होगा। सूरत में कांग्रेस के प्रत्याशी नीलेश कुंभानी थे उन्होंने चार सेट में नामांकन दाखिल किया था और सबमें अपने रिश्तेदारों या जानकारों को प्रस्तावक बनाया था। नामांकन की जांच के समय प्रस्तावकों ने चुनाव अधिकारी के सामने हलफनामा देकर कहा कि उनके उम्मीदवार का नाम गलत है। इसके बाद कुंभानी का पर्चा रद्द हो गया और बाकी उम्मीदवारों के पर्चे...

  • झारखंड में लालू ने समझी हकीकत

    राजद प्रमुख लालू प्रसाद को हकीकत समझ में आ गई, तभी वे छह सीटों पर चुनाव लड़ने को राजी हो गए। इससे पहले उनकी पार्टी ने आठ सीट की रट लगाई थी और कहा जा रहा था कि कम से कम सात सीट पर तो जरूर लड़ेंगे क्योंकि पिछली बार भी सात सीटों पर लड़े थे। हालांकि पिछली बार राजद सात सीटों पर लड़ कर सिर्फ एक सीट जीत पाई थी और वह भी भाजपा छोड़ कर राजद में शामिल हुए सत्यानंद भोक्ता की सीट थी, जो चतरा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से जीते थे। बाकी राजद ने...

  • झारखंड भाजपा में ज्यादा बगावत है

    उम्मीदवार घोषित करने में बढ़त लेने के बाद भारतीय जनता पार्टी अब झारखंड में बगावत रोकने के अभियान में लगी है। राज्य में भाजपा के चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान और सह प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा दोनों सोमवार, 21 अक्टूबर को पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सांसद रविंद्र राय को मनाने उनके घर गए थे। टिकट नहीं मिलने से नाराज रविंद्र राय अपनी पुरानी सीट राज धनवार से निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। इस सीट पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और अघोषित सीएम दावेदार बाबूलाल मरांडी चुनाव लड़ रहे हैं। रविंद्र राय से मिलने के...

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