फिर कॉरपोरेट बेलआउट
जब ऐसे कदम उठाए जाते हैं, तो उसके लिए तर्क गढ़ लिए जाते हैँ। रोजगार बचाना आम दलील है। वीआई के मामले में यह भी कहा गया कि कंपनी फेल हुई, तो बाजार में जियो और एयरटेल का द्वि-अधिकार हो जाएगा। आलोचक अक्सर कहते हैं कि मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था का वास्तविक अर्थ हैः फायदे का निजीकरण और घाटे का समाजीकरण। यानी जो फायदा हुआ, वह कंपनी मालिकों की जेब में जाएगा, लेकिन घाटा हुआ, तो उसे करदाताओं के पैसे भरा जाएगा। यह प्रवृत्ति अब बेहद आम हो चुकी। लेकिन इस कारण आर्थिक प्रबंधन का यह ढांचा आम जन की निगाह...