Kansa Vadh diwas

  • श्रीकृष्ण ने जब कंस का वध किया था

    महाभारत सभापर्व के जरासंध पर्वाध्याय में श्रीकृष्ण स्वयं इस घटना का वर्णन युधिष्ठिर से करते हुए कहते हैं- भोजवंशीय वृद्ध क्षत्रियगण ने दुष्ट कंस के अत्याचार से अतिशय दुखित होकर मुझसे अनुरोध किया कि मैं जातिवर्ग को त्याग करके कहीं चला जाऊँ,  मैंने जाति वर्ग के हित साधन के निमित बलभद्र की सहायता से कंस का संहार कर दिया। कोई भी कंस की रक्षा के लिए आगे नहीं आया। तभी से कंस वध का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर मनाया जाता है। रावण दहन के प्रतीक रूप में देश भर में आश्विन शुक्ल दशमी अर्थात विजयादशमी...