Maa Chandraghanta

  • मां चंद्रघंटा के इन मंदिरों में होती है हर मुराद पूरी

    शारदीय नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा की उपासना और शक्ति की आराधना का सबसे बड़ा अवसर माना जाता है। नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां का यह स्वरूप शांति, सौभाग्य और कल्याण का प्रतीक माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब असुरों का अत्याचार बढ़ा तो मां भगवती ने चंद्रघंटा का रूप धारण कर उनका संहार किया।  मां चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र स्थित है, जिसके कारण उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। उनका शरीर स्वर्ण के समान तेजस्वी बताया गया है। उनकी दस भुजाओं में विविध अस्त्र-शस्त्र हैं और...