महाकाल की नगरी उज्जैन का चमत्कारी घाट
उज्जैन को अवंतिका नगरी और बाबा महाकाल की भूमि के रूप में भी जाना जाता है। सतयुग से ही यहां तर्पण और श्राद्ध कर्म की परंपरा चली आ रही है। उज्जैन में सिद्धवट, रामघाट और गयाकोठा तीर्थ पर पिंडदान और तर्पण सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हैं। उज्जैन की मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के घाटों पर प्रतिवर्ष पितृ पक्ष के दौरान हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। इनमें सबसे प्रमुख रामघाट है, जिसकी मान्यता भगवान श्रीराम से जुड़ी हुई है। कथा है कि वनवास काल में भगवान राम जब उज्जैन आए थे, तब उन्होंने शिप्रा नदी के तट पर अपने पिता महाराज दशरथ के लिए...