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  • अजहरूद्दीन को एमएलसी बनाने की राजनीति

    भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन का पुनर्वास हो गया है। उनको तेलंगाना में विधान परिषद का सदस्य बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने उनका नाम तय कराया है। गौरतलब है कि वे उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद सीट से सांसद रहे हैं। लेकिन उसके बाद कई बार चुनाव लड़ने के बावजूद वे जीत नहीं पा रहे हैं। अलग अलग सीटों से उनको लड़ाया गया। उनको पिछली बार विधानसभा का चुनाव भी लड़ाया गया लेकिन वे जीत नहीं पाए। पिछली बार कांग्रेस के पक्ष में हवा थी फिर भी वे जुबली हिल्स सीट से चुनाव हार गए...

  • बिहार में एमएलसी चुनाव का मजाक

    बिहार में विधान परिषद यानी एमएलसी की एक सीट पर उपचुनाव हो रहा है। तिरहुत स्नात्तक क्षेत्र की सीट खाली हुई है क्योंकि इस सीट से लगातार जीत रहे देवेश चंद्र ठाकुर इस बार सीतामढ़ी सीट से लोकसभा का चुनाव जीत गए हैं। उनकी खाली की हुई सीट पर एनडीए, ‘इंडिया’ ब्लॉक, जनसुराज सहित पांच उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है। मतदान से ठीक पहले मतदाता सूची को लेकर ऐसी खबर आई है, जिससे पता चलता है कि इस तरह के तमाम चुनाव किस तरह से मजाक बन गए हैं। तिरहूत स्नात्तक क्षेत्र के तहत आने वाले मुजफ्फपुर जिले के औराई...

  • आखिरी दिन क्यों बनाए गए एमएलसी?

    ऐसा नहीं है कि महाराष्ट्र की सरकार यह काम पहले नहीं कर सकती थी। कई दिन पहले ही राज्यपाल के कोटे के मनोनीत विधान पार्षदों यानी एमएलसी के नाम तय हो सकते थे और उनकी शपथ भी हो सकती थी। लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने इंतजार किया कि जिस दिन चुनाव आयोग राज्य में मतदान की तारीख का ऐलान करेगा उस दिन एमएलसी तय होंगे और उसी दिन उनकी शपथ कराई जाएगी। महाराष्ट्र सरकार एक ही साथ सभी 12 सीटों पर एमएलसी के नाम भेज कर उन्हें शपथ करा सकती थी लेकिन उसने सिर्फ सात ही नाम भेजे और सात लोगों...