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  • सरकार फैक्ट चेक करेगी

    यह विशुद्ध रूप से खबर को नियंत्रित करने का प्रयास है। यह प्रत्यक्ष रूप से खबरों को सेंसर करने का प्रयास है। मुख्यधारा की मीडिया पर कमोबेश नियंत्रण के बाद सरकार अब सोशल मीडिया को नियंत्रित करने का प्रयास कर रही है। अभी एक महीना नहीं हुआ है, जब सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एक अंग्रेजी अखबार के कार्यक्रम में कहा था कि फेक न्यूज विभिन्न समुदायों के बीच तनाव पैदा कर सकता है और साथ ही इससे लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए भी खतरा पैदा हो सकता है और अब केंद्र सरकार फर्जी खबरों पर रोक लगाने...

  • खबरों को रोकने के कितने जतन?

    केंद्र सरकार खबरों को रोकने या उन्हें नियंत्रित करने के कितने जतन कर रही है। किसी न किसी तरह से वह कंट्रोल हाथ में लेने की कोशिश करती दिख रही है। फेक न्यूज की पड़ताल करने की जिम्मेदारी प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो यानी पीआईबी के दोनों के कानून का जो मसौदा तैयार हुआ वह किसी का एक प्रयास है। लेकिन वह इकलौता प्रयास नहीं है। पिछले दिनों सरकार ने अपने इमरजेंसी पावर का इस्तेमाल करके बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण रोक दिया। उसे किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करने से रोका गया और उस डॉक्यूमेंट्री को का लिंक अगर...

  • केंद्र खबरों को परखने वाले संशोधन वापस ले

    नई दिल्ली। इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी (Indian Newspaper Society) (आईएनएस-INS) ने सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार (Central Government) से संबंधित खबरों को तथ्यात्मक कसौटी पर रखने के लिए प्रस्तावित सूचना प्रौद्योगिकी नियम-2021 (Information Technology Rule-2021) संशोधन प्रारूप पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे वापस लेने की मांग की है। आईएनएस ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से प्रस्तावित नियम वापस लेने के साथ ही खबरों को परखने के वास्ते एक तंत्र बनाने के लिए सभी संबंधित पक्षों से परामर्श करने की मांग की है। आईएनएस ने केंद्रीय सूचना मंत्रालय के प्रेस सूचना ब्यूरो या केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत संस्था के...