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  • स्थिरता रिपोर्ट में अस्थिरता

    रोजगार के घटते अवसरों एवं अर्थव्यवस्था की धीमी होती रफ्तार ने कुल मिलाकर ऋण-ग्रस्तता की स्थिति को संगीन बना दिया है। इसके बीच निजी ऋणों की वापसी की स्थितियां प्रतिकूल हो गई हैं। आरबीआई की रिपोर्ट से भी इसके संकेत मिले हैं। भारतीय रिजर्व बैंक की छमाही वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट मौजूद वित्तीय अस्थिरताओं के संकेत देती है। इस रिपोर्ट के साथ ही एक अंग्रेजी अखबार में आरटीआई के जरिए हासिल छपे आंकड़ों को देखें, तो यह संकेत ठोस रूप में मौजूद दिखने लगता है। आरबीआई के मुताबिक कुल कर्ज में सितंबर 2024 तक नॉन परफॉर्मिंग ऋण (एनपीए) का अनुपात सिर्फ...