pakistan economy crisis

  • बदहाली की गहरी जड़ें

    पाकिस्तान में निराशा और असंतोष के संकेत आम तौर पर देखे जा सकते हैँ। सबक यह है कि सोशल मॉबिलिटी की अनदेखी कोई समाज अपने लिए दीर्घकालिक संकटको आमंत्रित करने का जोखिम उठाते हुए ही करता है। पाकिस्तान बदहाल है। डिफॉल्टर होने से वह कब तक बच पाएगा, यह कहना लगातार कठिन बना हुआ है। लेकिन अभी जिस समस्या का वह सामना कर रहा है, वह फौरी है। उसकी लगातार चली आ रही समस्या की जड़ें कहीं अधिक गहरी हैं। इस समस्या पर हाल में आई एक किताब ने रोशनी डाली है। जिन कारणों का उसमें जिक्र किया गया है,...

  • दो पाटन के बीच में…

    कोरोना महामारी और यूक्रेन युद्ध के कारण छोटे देशों की बनी मुसीबत के बीच दुनिया की दो बड़ी ताकतें अपनी गोटी खेल रही हैं। उन्होंने संकट में मदद देने के नाम पर इन देशों को दूसरे के पाले से खींचने की रणनीति अपना ली है। पाकिस्तान सरकार के लिए यह समझना टेढ़ी खीर हो गया है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) उसे 6.5 बिलियन डॉलर के मंजूर कर्ज की किस्तें जारी क्यों नहीं कर रहा है। शहबाज शरीफ सरकार ने कहा है उसने भारी सियासी जोखिम उठा कर आईएमएफ की सख्त शर्तों को लागू किया है। इसके बावजूद आईएमएफ का...