Pandit Nehru

  • झूठों की दुनिया में सच को ताबानी दे मौला

    तमाम कोशिशों के गांधी भी बचे हुए हैं, नेहरू भी बचे हुए हैं और इंदिरा भी बची हुई हैं। गांधी तो कालजयी हैं। नेहरू भी अभी पांच सौ साल कहीं नहीं जाने वाले। इंदिरा गांधी को भी अलविदा हुए अभी 41 साल ही हुए हैं। लोग उन्हें भी तीन सौ बरस तो अभी और याद रखेंगे। मगर ये सब जो पिछले 11 साल से मान कर चल रहे हैं कि जब तक सूरज-चांद रहेगा, तब तक इन का नाम रहेगा - संसार तो बहुत दूर की बात है, सत्ता से विदाई के ही एकाध दशक के भीतर-भीतर, व्यक्ति के तौर...