PM Netanyahu

  • भारत-इजराइल दोस्ती कितनी अटल?

    स्वतंत्र भारत ने ज्यादातर समय इज़राइल से एक दूरी रखी। इतना नाता जरूर रखा कि आपात स्थिति में मदद मिल जाए और उसकी इमेज पर भी असर नहीं पड़े। भारत ने 1950 में इज़राइल को मान्यता दी थी लेकिन जवाहरलाल नेहरू के गुटनिरपेक्ष आंदोलन के समय अरब दुनिया के साथ एकजुटता थी। फ़िलिस्तीनी मुद्दा महज़ नैतिक प्रदर्शन नहीं था, बल्कि रणनीतिक था। भारत के लिए यह तब फायदेमंद था कि उसे औपनिवेशिक विरोधी और फ़िलिस्तीन-समर्थक के रूप में देखा जाए। ताकि अरब तेल तक पहुंच बनी रहे और अरब देश कश्मीर पर पाकिस्तान के पक्ष में नहीं झुके। इज़राइल, तब,...

  • नेतन्याहू को पुतिन जैसा माने या नहीं?

    बेंजामिन नेतन्याहू अब उन कुख्यात लोगों की सूची में एक है जिन पर मानवता के खिलाफ अपराध करने के आरोप है। लोकतांत्रिक ढंग से चुन कर सत्ता में आए एक नेता का नाम आतंकवादी मोहम्मद डिएफ और युद्धोन्मादी तानाशाह पुतिन जैसों की लिस्ट में आ जाना, इजराइल और विश्व दोनों के लिए सदमे जैसा है। इससे एक ओर कूटनीतिक दृष्टि से कई देश असमंजस में फँसे हैं वही दूसरी ओर अमेरिका के ढोंग का पर्दाफाश भी है। सवाल है आखिर आईसीसी (इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट या अन्तरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय) को यह कठोर फैसला क्यों लेना पड़ा? शुरूआत इस साल मई में...