कट्टर ईमानदार इस्तीफा नहीं देते हैं
कट्टर ईमानदारी की परिभाषा बदल गई है। दस साल पहले तक कट्टर या सामान्य रूप से ईमानदार या जनमानस में बेईमान ब्रांड कर दिए गए नेता भी कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किए जाने पर इस्तीफा दे देते थे। लेकिन अब कट्टर ईमानदार होने का मतलब है कि चाहे कुछ भी हो जाए इस्तीफा नहीं देना है। इस्तीफा दे दिया तो ईमानदार नहीं माना जाएगा। एक सिद्धांत के रूप में भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी दोनों ने इसे स्वीकार किया है। भाजपा ने पहले कहा था कि अब की भाजपा में इस्तीफे नहीं होते हैं, आरोप चाहे कितने...