नेता असभ्य क्यों होते जा रहे हैं?
असभ्य नेता जब सदन में होते हैं तो वो भूल जाते हैं कि उनके विपक्ष में बैठे नेता भी एक जनप्रतिनिधि हैं। वो भी उतने ही सम्मान के हक़दार हैं जितने कि वे स्वयं को मानते हैं। परंतु सत्ता के नशे में चूर कुछ नेता, चाहे किसी भी दल के क्यों न हों अपने विपक्षी नेताओं को आजकल आम जनता की तरह समझने लगे हैं। ...कोई मशहूर व्यक्ति न सिर्फ़ राजनीति में बल्कि किसी भी अन्य क्षेत्र में क्यों न हो अगर शांत और शालीन स्वभाव के हैं तो उनका ज़िक्र हमेशा सम्मान के साथ ही होता है। ऐसी वाणी...