politics in india

  • राजनीति अर्थात ‘मैं चाहे जो करुं मेरी मर्जी…

    भोपाल। लोकतंत्र में राजनीति का अर्थ सत्ता के जरिए सुशासन लाना सबसे अहम माना गया लेकिन अब ज्यादातर सियासत और सत्ता में मनमानियां ज्यादा हो गई है कह सकते हैं जो राजनीति में महत्वपूर्ण पद पर है वह चाहे कुछ भी करें उनका कोई बाल बांका नहीं कर सकता। एक भाजपा कार्यकर्ता ने नए साल की शुभकामना देते हुए बड़ी सहजता से सोशल मीडिया पर मशहूर फिल्मी नगमे का प्रयोग किया है। जिसकी पंक्ति है ' मैं चाहे ये करुं मैं चाहे वो करुं मेरी मर्जी'...दिल्ली से भोपाल तक भाजपा कांग्रेस जैसी राजनीतिक पार्टियों के चाल चलन और घटनाक्रम को...