Poor Theatre

  • हिंदी का ‘पुअर थिएटर’ उर्फ ‘कहानी का रंगमंच’

    आज से पचास पहले एक मई 1975 को हिंदी रंगमंच में एक नया प्रयोग किया गया। एनएसडी के पूर्व निदेशक एवं प्रसिद्ध रंगकर्मी देवेंद्रराज ‘अंकुर’ ने प्रख्यात कथाकार निर्मल वर्मा की तीन कहानियों को मिलाकर ‘कहानी का रंगमंच’ नामक नई विधा को जन्म दिया। गत 50 सालों में उन्होंने पांच सौ कहानियों के शो किए जो अपने आप में एक रिकार्ड है। इस प्रयोग के 50 साल पूरे होने पर विशेष लेख। क्या राष्ट्रीय नाटक विद्यालय के पूर्व निदेशक एवं प्रसिद्ध रंग निर्देशक देवेंद्र राज अंकुर द्वारा शुरू की गई नई विधा ‘कहानी का रंग मंच’ हिंदी का ‘पुअर थिएटर’...