povert

  • ‘अमीर और अमीर…गरीब और गरीब’ जुमले का सच

    दाल-रोटी के अतिरिक्त, ग्रामीण-शहरी क्षेत्र में लोग अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा बेहतर जीवन जीने हेतु अन्य खाद्य-पेय उत्पादों के सेवन और फ्रिज, टी.वी., चिकित्सा, परिवहन आदि सुविधाओं में व्यय कर रहे है। नीति आयोग ने इसी वर्ष जनवरी में जारी चर्चा पत्र में बताया था कि भारत में बहुआयामी गरीबी 2013-14 के 29.17 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 11.28 प्रतिशत हो गई है, अर्थात्— विगत नौ वर्षों में लगभग 25 करोड़ लोग गरीबी की श्रेणी से बाहर निकल गए है। Niti aayog report povert वर्ष 1950 से 1980 दशक में हिंदी फिल्मों, राजनीतिक विमर्श और आम बोलचाल की भाषा...