सुप्रीम कोर्ट का संरक्षण
अब से यूएपीए के तहत किसी को गिरफ्तार करते वक्त पुलिस को उसकी गिरफ्तारी का आधार बताना होगा और संबंधित व्यक्ति को कानूनी सलाह लेने का अवसर उपलब्ध करवाना होगा। सिर्फ गिरफ्तारी का कारण बताना पर्याप्त नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने गैर-कानूनी गतिविधि निरोधक कानून (यूएपीए) के तहत गिरफ्तारियों के मामले में एक महत्त्वपूर्ण संरक्षण का प्रावधान किया है। कहा जा सकता है कि पिछले अक्टूबर में कोर्ट ने मनीलॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के सिलसिले में जो संरक्षण दिया था, उसका अब यूएपीए के मामलों में भी विस्तार कर दिया गया है। संरक्षण यह है कि इस कानून के तहत...