prime minister

  • ओह! वह समय और अब

    सिर्फ दस साल पहले की बात है, मगर मानों ज़माना गुज़र गया हो। दस साल पहले भारत भूखा था नए विजन, नई दृष्टि का। हर कोई तरक्की और अच्छे दिनों के लिए फडफडाता हुआ था। दस साल पहले लग रहा था, सबकी फील थी, भारत बढ़ रहा है। भारतीय आगे बढ़ रहे हैं। आज, लफ्फाजी और प्रोपेगेंडा है। मैं, सन् 2007 में, स्काटलैंड में सेंट एंड्रयूज विश्वविद्यालय में पढ़ती थी। भारत की राजनीति की न सुध थी और न ज्यादा जानकारी। पतझड़ के आखिरी दिनों की एक सर्द दोपहर में, मैं, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर अपनी टुटोरिअल क्लास शुरू होने का...

  • डॉ. मनमोहन सिंह भारत के आखिरी बुद्धिवान और उम्दा प्रधानमंत्री !

    शीर्षक चौंका सकता है। पर जरा समकालीन भारत अनुभवों और उनकी दिशा में झांके तो अगले बीस-पच्चीस वर्षों की क्या भारत संभावना दिखेगी? भारत पिछले दस वर्षों की विरासत में कदम उठाता हुआ होगा। इस विरासत का मंत्र और अनुभव बुद्धि नहीं लाठी है। हार्वर्ड नहीं हार्डवर्क है। सत्य नहीं झूठ है। सौम्यता नहीं अहंकार है। विनम्रता नहीं निष्ठुरता है। कानून नहीं बुलडोजर है। मान मर्यादा नहीं लंगूरपना है। विचार और बहस नहीं गाली तथा ट्रोल है। तर्क नहीं है लाठी है। प्रबुद्धता नहीं मूर्खता है। चाल, चेहरा, चरित्र नहीं, बल्कि अकड़, लालच और कदाचार है। इस तरह का निष्कर्ष...

  • इशिबा फिर बने जापान के प्रधानमंत्री

    टोक्यो। जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री बन गए हैं। सोमवार को जापान की संसद ने उन्हें अगले प्रधानमंत्री के तौर पर चुन लिया है। जापान में 27 अक्टूबर को संसदीय चुनाव हुए थे। इस चुनाव में इशिबा की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी, एलडीपी ने बहुमत खो दिया था। एलडीपी को संसदीय चुनाव में सिर्फ 191 सीटें मिली थी और उसे 65 सीटों का नुकसान हुआ था। पिछले 15 सालों में पार्टी का ये सबसे खराब प्रदर्शन था। सोमवार, 11 नवंबर को प्रधानमंत्री का चुनाव करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया गया था। पिछले...