जनता के पैसे से बैंक मालामाल!
सरकार की ओर से इस बात का जोर शोर से प्रचार है कि पिछले नौ सालों में बैंकों की स्थिति ठीक हुई है। उनकी बैलेंस शीट अच्छी हुई है। एनपीए कम हुआ है। यह दावा सही है लेकिन ऐसा कैसे हुआ है यह नहीं बताया जा रहा है। बैंकों की एनपीए इसलिए कम दिख रहा है क्योंकि बैलेंस शीट साफ-सुथरी रखने के लिए बैंकों के खराब लोन यानी, जो लोन लौटाए नहीं जा रहे थे उनकी वसूली करने की बजाय उन्हें बैलेंस शीट से हटा कर बट्टे खाते में डाल दिया गया। यानी राइट ऑफ कर दिया गया। इसके अलावा...