Ramdas Athawale
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खरगे और दिग्विजय सिंह तथा कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी में आये ज्योतिरादित्य
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने आज दावा किया कि उनका दिया हुआ नारा ‘गो कोरोना गो’ पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो चुका है। मंत्री ने कहा कि पहले सवाल उठाये गये थे कि क्या इस
भाजपा की बड़ी सहयोगी पार्टियों में से शिव सेना बाहर हो गई है और जदयू को इस बार मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। छोटी पार्टियों में अकाली दल और रामदास अठावले की आरपीआई को सरकार में जगह मिली हुई है। यह देखना दिलचस्प है कि भाजपा आगे क्या करती है।
केंद्र सरकार में भाजपा की सहयोगी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया(आरपीआई) भी दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया मोहन भागवत के हिंदू-संबंधी बयान पर भाजपा की कुछ सहयोगी पार्टियों ने असहमति व्यक्त की है और विरोधी दल पूछ रहे हैं कि यदि संघ सभी भारतीयों को हिंदू मानता है तो उसने नए नागरिकता कानून में मुसलमानों को शरण नहीं देने का समर्थन क्यों किया है ? विरोधियों का यह सवाल बिल्कुल जायज है। कल मैंने अपने लेख में कहा था कि हिंदू शब्द के मूल अर्थ पर हम जाएं तो प्रत्येक बांग्लादेशी, पाकिस्तानी और यहां तक कि अफगान भी हिंदू ही कहलाएगा। इसलिए वहां से आनेवाले मुसलमानों को शरण नहीं देना मोहन भागवत के कथन को उलट देना है। दूसरे शब्दों में भाय-भाय (मोदी और शाह) मिलकर क्या भागवत की काट कर रहे हैं ? याने संघ और भाजपा एक-दूसरे का विरोध कर रहे हैं या उसे यों कहा जा सकता है कि भागवत द्वारा हिंदुत्व की जो नई व्याख्या दी गई है, उसे भाई लोग समझ नहीं पा रहे हैं और वे पुरानी सावरकरवादी व्यवस्था से चिपके हुए हैं। यदि ‘हिंदू’ शब्द की भागवत परिभाषा आप मान लें तो पड़ौसी देशों के शरणार्थियों को शरण देते वक्त उनकी उपसाना-पद्धति का अड़ंगा लगाना निरर्थक होगा। यह ठीक है कि भारत के मुसलमान, सिख, ईसाई,… Continue reading हिंदू या भारतीय, क्या कहें?