प्राचीन भारत में बालिकाओं की महत्ता
प्राचीन भारत में स्त्रियों को पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त थी।अकेले ऋग्वेद में नारी विषयक 422 मन्त्र हैं। ऋग, यजु, साम व अथर्व, चारों वेदों में नारी विषयक सैकड़ों मन्त्र हैं। ऋग्वेद में 24 और यजुर्वेद में 5 विदुषियों का उल्लेख है। महिलाएं शैक्षिक क्षेत्र में भारी प्रतियोगिता के बावजूद अनेक पुरुषों को पराजित करते हुए अपना नाम वेदों तक शामिल करवाने में भी सफल रहीं। विश्ववरा, अपाला, घोषा, लोपामुद्रा, मैत्रेयी और गार्गी आदि इनमें प्रमुख हैं, जिन्हें उनके जीवनकाल में ही ऋषि पद प्राप्त हुआ। यजुर्वेद के अनुसार वैदिक काल में कन्या का उपनयन संस्कार होता था। उसे सन्ध्यावन्दन करने का...