referendum
जब कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मन की बात करते सुनता हूं तो मुझे एक घटना याद हो आती है। जब संचार क्रांति आई तो मेरे दफ्तर में तत्कालीन संपादकजी ने कुछ पेजर मंगवा कर अपने चहेते संवाददाताओं को दिए।
रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जनमत संग्रह कराया, जिसके जरिए उन्होंने सन 2036 तक अपनी कुर्सी सुरक्षित कराई है।
ममता बनर्जी ने बहुत बड़ी गलती की। उन्होंने पश्चिम बंगाल में संयुक्त राष्ट्र संघ की देख रेख में जनमत संग्रह कराने की बात कही। हालांकि उन्होंने साथ ही यह भी जोड़ा कि संयुक्त राष्ट्र के अलावा न्यायालय या किसी और स्वतंत्र एजेंसी के जरिए जनमत संग्रह कराया जा सकता है कि लोग नागरिकता कानून के समर्थन में हैं या विरोध में।
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