religion pauranik kathayen

  • वैदिक मतानुसार पृथ्वी, सूर्य, चन्द्र आदि की उत्पत्ति

    वैदिक मतानुसार सृष्टि के आदि में पृथ्वी इस तरह नहीं थी। सृष्टि रचना प्रारंभ होने के बाद शनैः- शनैः बहुत दिनों में पृथ्वी इस रूप में आई। सर्वप्रथम यह सूर्यवत जल रही थी। आज भी पृथ्वी के भीतर अग्नि पाया जाता है। कई स्थानों पर पृथ्वी से ज्वाला निरंतर निकल रही है, इसी को ज्वालामुखी पर्वत कहते हैं। पृथ्वी, सूर्य, चन्द्र आदि की उत्पत्ति का ज्ञान हमेशा से ही कौतूहल के विषय हैं। इस सबंध में सत्य ज्ञान की जानकारी नहीं होने के कारण लोक में विभिन्न प्रकार की भ्रांतियाँ प्रचलित हैं। लेकिन संसार के सर्वप्राचीन ग्रंथ व सत्य विद्याओं...