republic

  • व्यापार और लाभ का लक्ष्य रखे तब गणतंत्र का सर्वनाश

    republic:  मानवजाति के इतिहास में सत्ता के तंत्र को राज्य के दैवी सिद्धांत से लेकर वर्तमान गणतांत्रिक व्यवस्था की हजारों साल की यात्रा का उद्देश्य आम नागरिक को सर्वाधिक सुविधा सुलभ कराना ही सत्ता का लक्ष्य होता हैं। परंतु जैसा कि राजनीति में होता आया है सत्ता या शासक अपने और अपने ही वर्ग को लाभ पहुंचाने की चोरी छुपे या खुली कोशिश करता रहता हैं। हिन्दी में आचार्य चतुरसेन शास्त्री का उपन्यास है वैशाली की नगर वधू। वैशाली मौर्यकालीन समय में अनेक गणराज्यों में से एक इकाई था। वर्तमान बिहार में इसी नाम से आज भी उस क्षेत्र को...