‘हत्या’ दिवस अनुचित संज्ञा है
आरएसएस प्रशिक्षित नेताओं में विचित्रता तरह-तरह रूपों में दिखती है। बल्कि अधिकांश रूप में विचित्रता ही दिखती है! उन के बयानों, घोषणाओं, और कदमों, गतिविधियों से इस की लंबी सूची बनाई जा सकती है। उदाहरण के लिए, विगत एक निश्चित अवधि में उन की पहली ऐसी घोषणा और नवीनतम कदम को लें। पहली थी गंभीर संवैधानिक पदों से घोषणा करना कि उन्हें 'कांग्रेस मुक्त भारत' बनाना है। यह घोषणा संविधान-विरोधी, तथा करोड़ों देशवासियों के प्रति अपमानजनक थी। संविधान में दूर-दूर कोई संकेत तक नहीं कि किसी संवैधानिक पदधारी को किसी वैध राजनीतिक दल या सामाजिक संगठन को मिटा देने का...