‘पंथनिरपेक्ष’ हमारा सनातन दर्शन!
भारत को बहुलतावाद और पंथनिरपेक्षता की प्रेरणा किससे मिलती है? स्वतंत्रता के बाद राष्ट्रनिर्माताओं ने दो वर्ष, 11 माह और 18 दिन बाद गहन-मंथन के पश्चात भारतीय संविधान का प्रारूप तैयार किया। तब इसके तत्कालीन स्वरूप को हिंदी-अंग्रेजी में प्रसिद्ध सुलेखक प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने कलमबद्ध किया था, तो प्रसिद्ध चित्रकार नंदलाल बोस ने इसकी दोनों मूल प्रतियों को अद्भुत चित्रों के साथ भारतीय इतिहास और परंपरा से जोड़ने का काम किया। इस 26 नवंबर को देश में 75वां संविधान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संयुक्त सभा को...