‘सनातन’ रहेगा सनातन!
बहस है ‘सनातन’ पर! सवाल है ‘सनातन’ के बहाने ‘हिंदू’ पर! भला ‘सनातन’ की परिभाषा क्या? कहा है इसका उद्गम? यह शब्द न तो वेद-उपनिषद् में है और न मनुस्मृति में। यह तो ब्राह्मणों का रूढ़िवाद है। उनकी बनाई कुरीतियों का कवच है। वह शब्द है, जिसका उन्नीसवीं सदी से पहले उपयोग नहीं था। तब यह सती प्रथा, बाल विवाह, पितृसत्तात्मक व्यवस्था, जाति प्रथा आदि को सही बतलाने का जुमला था। इसलिए यह एक व्याधि है, बीमारी है। ऐसे ही ‘हिंदू’ क्या है? वेद-उपनिषद-पुराण, रामायण, महाभारत में कहीं ‘हिंदू’ नहीं लिखा है। ऐसा है क्या जो हिंदू धर्म कहलाए, उस...