सरस्वती: अंतःप्रेरणा की वाणी
सरस्वती से संबंधित अनेक ऋग्वैदिक ऋचाएं भी इस बात की पुष्टि करती हैं कि सरस्वती अंतःप्रेरणा अर्थात वाणी की देवी है। सरस्वती हमारी धी यानी प्रज्ञा अर्थात सद सद विवेकिनी बुद्धि की निष्पादिका है। सरस्वती ऋतावरि अर्थात सत्य ज्ञान और सत्य आचरण करने वाली है। यह सरस्वती के वाणी रूप को ही उदभाषित करता है। वैदिक मतानुसार सरस्वती सत्यचेतना से निकलकर बहने वाली अंतःप्रेरणा की नदी है। सरस्वती गतिशीला है, गतिमती है। गतिशीलता के आधार पर ही सरस्वती सत्य की बहती हुई धारा की, दिव्य अंतःप्रेरणा की, वाणी की, श्रुति की, स्पष्टतः वाणी की प्रतीक है। सरस होने के कारण...