sequels

  • रीमेक की धुंध में पुरानी फ़िल्में

    Bollywood news: ऐसे बहुत से शीर्षक हैं जिन पर दो-तीन-चार या और ज़्यादा बार फ़िल्में बन चुकी हैं। लेकिन किसी महत्वपूर्ण या हिट फ़िल्म के शीर्षक के दोहराव की आज़ादी उसके जलाल के दोहराव की गारंटी नहीं होती। इसलिए कम से कम इतना तो होना ही चाहिए कि अगर कहानी अलग है तो नाम भी अलग हो। समस्या उन फ़िल्मकारों के साथ भी है जो अपनी कोई फ़िल्म चल जाने पर उसके सीक्वल ही बनाते चले जाते हैं। ‘स्त्री’, ‘भूलभुलैया’ और ‘सिंघम’ के मामले में हम यही देख रहे हैं। also read: खतरे की घंटी, दिल्ली प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट का...