Shanishari Amavasya

  • शनिश्चरी अमावस्या पर विधि-विधान से करें पूजा, पितृ होते हैं प्रसन्न

    भादो की अमावस्या शनिवार (23 अगस्त) को पड़ रही है, इसलिए इसे शनिश्चरी अमावस्या भी कहा जाता है। दृक पंचांग के अनुसार अमावस्या 11 बजकर 35 मिनट तक रहेगी। मान्यतानुसार इस दिन पितरों का तर्पण करने से कई कष्टों से मुक्ति मिलती है। चूंकि ये शनिश्चरी है, तो इसलिए शनि महाराज और पितृों की समान रूप से पूजा अर्चना की जाती है। पूर्वजों की आत्मा की तृप्ति हेतु अमावस्या के सब दिन श्राद्ध की रस्मों को करने के लिए उपयुक्त हैं। कालसर्प दोष निवारण की पूजा के लिए भी अमावस्या का दिन उपयुक्त होता है। अमावस्या को अमावस या अमावसी...