Sharad Purnima

  • शरद पूर्णिमा का पर्व कई अर्थ लिए हुए

    चंद्रमा की सोलह कलाएं मनुष्य के गुणों की प्रतीक हैं — पूर्ण चंद्रमा का यह दर्शन जीवन की पूर्णता का संकेत है। इसलिए कहा गया है कि योगेश्वर श्रीकृष्ण सभी सोलह कलाओं से सम्पन्न थे। इसी भाव में शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा के दर्शन और पूजा को आत्मशुद्धि और मानसिक शांति का प्रतीक माना गया है। शरद पूर्णिमा के इस पर्व में आस्था के साथ-साथ एक गहरी जीवन-दृष्टि छिपी है — कि जब मन पूर्ण हो, नीयत शुद्ध हो, और प्रकृति के साथ तालमेल हो, तभी जीवन में अमृत उतरता है।  6 अक्टूबर -शरद पूर्णिमा पर विशेष भारतीय...