Shifa ur Rehman

  • इंसाफ का सवाल है

    ये दलील अपनी जगह सटीक है कि अगर राष्ट्र के खिलाफ किसी ने कुछ किया है, तो उसे जेल में रहना चाहिए। मगर ऐसे इल्जाम न्यायिक प्रक्रिया के अंजाम पर पहुंचने से तय होंगे, या महज आरोप भर लग जाने से? फिलहाल मुद्दा यह नहीं है कि उमर खालिद, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा, शिफा उर रहमान आदि फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों की साजिश में शामिल थे या नहीं। उन पर साजिश में शामिल होने का आरोप है, जिस पर न्यायपालिका का निर्णय आना बाकी है। संबंधित कोर्ट अभियुक्तों के खिलाफ मौजूद साक्ष्यों पर विचार करने और उन...