Shiv Shankar

  • देवउठनी एकादशी तक विष्णु जी विश्राम पर, देवशयनी एकादशी से महादेव करेंगे संचालन

    Devshayani Ekadashi: आषाढ़ मास अपने समापन की ओर है और श्रावन माह का आगमन होने वाला है. आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का महत्व काफी अधिक है. आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी से सृष्टि के पालनहार श्रीहरि विश्राम पर चले जाते है. इस समय श्रावन के आगमन पर शिव जी सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं. इसी दिन से चातुर्मास शुरू हो जाते हैं. चातुर्मास में किसी भी प्रकार का शुभ कार्य नहीं किया जाता है. उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक चातुर्मास में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, जनेऊ जैसे शुभ कार्य के लिए मुहूर्त...

  • मंगलकारी और सृष्टिरचियता शिव

    श्वेताश्वतरोपनिषद के अनुसार सृष्टि के आदिकाल में जब सर्वत्र अंधकार ही अंधकार था। न दिन न रात्रि, न सत् न असत् तब केवल निर्विकार शिव (रुद्र) ही थे। शिव पुराण में  भी इसी तथ्य की पुष्टि करते हुए कहा गया है कि ‘एक एवं तदा रुद्रो न द्वितीयोऽस्नि कश्चन’ अर्थात सृष्टि के आरम्भ में एक ही रुद्र देव विद्यमान रहते हैं, दूसरा कोई नहीं होता। वे ही इस जगत की सृष्टि करते हैं, इसकी रक्षा करते हैं और अंत में इसका संहार करते हैं। पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार आदिदेव महादेव शिव को सभी देवों में सर्वोच्च और समस्त सृष्टि का...