South Korea president

  • लोकतंत्र की चुनावी व्यवस्था क्या वास्तव में जनता के हित का शासन हैं?

    भोपाल। सभी शासन व्यवस्थाओ में शासक, चाहे वह वंशानुगत हो अथवा निर्वाचित हो, गद्दी संभालते वक्त उसे एक शपथ यानि कि कसम लेनी होती है कि वह प्रजा के हितों का ध्यान रखेगा और सभी फैसले वह बिना किसी भय या पक्षपात के करेगा। यह शपथ लेने के तुरंत बाद ही इसको भुला दिया जाता है। यही लोकतंत्र का सबसे बड़ा झूठ है जो सत्ता अपने नागरिकों से बोलती है और आदमी है कि वह बात - बात पर न्याय और सत्य प्रतिज्ञान के लिए सत्ता को दोष देता रहता है, यही अब्राहम लिंकन के लोकतंत्र की परिभाषा की अन्त्येष्टि...