‘तेहरान’ में है जान
कई मामलों में 'तेहरान' पैशनेट फ़िल्ममेकिंग का एक ताज़ा तरीन उदाहरण है। चाहे फ़िल्म में इस्तेमाल हुई भाषाओं की बात हो या फिर किरदारों की या फिर लोकेशंस और शॉर्ट टेकिंग की, हर डिपार्टमेंट में बिना शोर शराबा के ताज़गी का अहसास है। फ़िल्म में ईरान से संबंधित संवादों के लिए फ़ारसी और इजराइल से संबंधित संवादों के लिए हिब्रू का इस्तेमाल किया गया है। सिने-सोहबत हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री के शुरुआती दौर से ही देशप्रेम की फिल्में काफी मिलती जुलती रहीं हैं। आमतौर पर उनमें जोशीले दृश्यों का प्रयोग, 'दुश्मन मुल्क़ मुर्दाबाद', ‘भारत माता की जय' जैसे संवादों से दर्शकों...