the diplomat

  • ख़ामोशी में दहाड़: ‘द डिप्लोमैट’

    the diplomat : फिल्म चुस्त है, स्क्रिप्ट और एडिटिंग दुरुस्त। फ़िल्म के एडिटर हैं कुणाल वाल्वे। फ़िल्म कासी हुई है और इसकी अवधि है, दो घंटे 17 मिनट। फ़िल्म को आलोचना की दृष्टि से देखें तो एक बड़ी कमी ये लगती है कि सब कुछ बहुत जाना पहचाना सा लगता है और इन दिनों लगातार अटेंशन घटते दर्शकों के वर्ग को हर थोड़ी देर पर फ़िल्म में एक सरप्राइज़ चाहिए होता है। ‘द डिप्लोमैट’ में ऐसा कोई सरप्राइज एलीमेंट नहीं है। सिने-सोहबत (the diplomat) जॉन अब्राहम वास्तविक ज़िंदगी में हमेशा से मुझे डबल रोल में दिखते रहे हैं। एक अभिनेता...