दो नावों पर सवारी का अब विकल्प नहीं
अमेरिका और चीन के बीच लगतार बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण भू-राजनीति में आमूल बदलाव आ रहा है। हम विश्व अर्थव्यवस्था को आपसी होड़ में शामिल दो खेमों के बीच विखंडित होते देख रहे हैं। उनमें से हर खेमा दुनिया के अधिक से अधिक बड़े हिस्से को अपने रणनीतिक हितों और साझा उसूलों के करीब खींचने की कोशिश कर रहा है। यह विखंडन दो बंटे हुए खेमों में ठोस रूप ले सकता है, जिनका नेतृत्व दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं (अमेरिका और चीन) के हाथ में होगा।’...अब दुनिया भर के देशों को बंटती दुनिया के बीच अपना पक्ष चुनना होगा...पर...