vote for note case

  • घूस लेना विशेषाधिकार नहीं

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने ही एक फैसले की ऐतिहासिक भूल को सुधार दिया है। सात जजों की बेंच ने 26 साल पहले पांच जजों की बेंच के बहुमत से दिए फैसले को पलट दिया है और कहा है कि संसद में सांसदों को विशेषाधिकार हैं लेकिन उनको रिश्वते लेने की छूट नहीं दी जा सकती। सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि अगर नोट लेकर सदन में वोट दिया या नोट लेकर सवाल पूछे तो भ्रष्टाचार का मुकदमा चलेगा। यानी संदन के अंदर किसी काम के लिए रिश्वत लेने पर संसदीय विशेषाधिकार नहीं लागू होगा। चीफ...