‘वाशिंगटन पोस्ट’ भी तबाह!
पत्रकारिता सरल नहीं है, आसान नहीं है, कभी भी नहीं थी। आप कोई समाचार देते हैं, तो धमकियां मिलती हैं। आलोचना होती है साथ ही नाममुकिन भी नहीं जो आप पर देशद्रोही का लेबल चस्पा कर दिया जाए। पत्रकार हमेशा से आसान निशाना रहे हैं। लेकिन एक समय पत्रकार का मान था, उन्हे नेक और श्रेष्ठ व्यक्ति माना जाता था। एक समय था जब पत्रकारों को भरोसेमंद माना जाता था। हर व्यक्ति प्रतिदिन हिम्मती अखबारों को पढ़ता था और टीवी पर भय और बंदिशों से मुक्त खबरें देखता था। जब नागरिकों को राजनीति से जुड़े फैसले लेने होते थे तो...