धर्म से प्रेरित है भारतीय कला
भारतीय परंपरा में कलाओं की संख्या 64 मानी गयी है, जिनका ज्ञान प्रत्येक सुसंस्कृत नागरिक के लिए अनिवार्य समझा जाता है। प्रबंधकोश में 72 कलाओं की सूची तथा ललितविस्तर में 86 कलाओं के नाम अंकित हैं। कश्मीरी पंडित क्षेमेंद्र ने अपने ग्रंथ कलाविलास में सबसे अधिक संख्या में कलाओं का वर्णन किया है। उसमें 64 जनोपयोगी, 32 धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, सम्बन्धी, 32 मात्सर्य-शील-प्रभावमान सम्बन्धी, 64 स्वच्छकारिता सम्बन्धी, 64 वेश्याओं सम्बन्धी, 10 भेषज, 16 कायस्थ तथा 100 सार कलाओं का वर्णन है। 15 अप्रैल को विश्व कला दिवस शारीरिक व मानसिक कौशलों का प्रयोग कर किए गए मानवीय कृत्रिम निर्माण...