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हिंदी के सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले पत्रकार। हिंदी के लिए आंदोलन करने और अंग्रेजी के मठों और गढ़ों में उसे उसका सम्मान दिलाने, स्थापित करने वाले वाले अग्रणी पत्रकार। लेखन और अनुभव इतना व्यापक कि विचार की हिंदी पत्रकारिता के पर्याय बन गए। कन्नड़ भाषी एचडी देवगौड़ा प्रधानमंत्री बने उन्हें भी हिंदी सिखाने की जिम्मेदारी डॉक्टर वैदिक ने निभाई। डॉक्टर वैदिक ने हिंदी को साहित्य, समाज और हिंदी पट्टी की राजनीति की भाषा से निकाल कर राजनय और कूटनीति की भाषा भी बनाई। ‘नई दुनिया’ इंदौर से पत्रकारिता की शुरुआत और फिर दिल्ली में ‘नवभारत टाइम्स’ से लेकर ‘भाषा’ के संपादक तक का बेमिसाल सफर।
  • समलैंगिक विवाहः बर्बादी का रास्ता

    आजकल समलैंगिक विवाह पर सर्वोच्च न्यायालय में जमकर बहस चल रही है। दर्जन भर से भी ज्यादा लोगों ने याचिका लगाकर मांग की है कि आदमी और औरत का विवाह तो होता ही रहा है, अब आदमी और आदमी, तथा औरत और औरत के बीच विवाह की अनुमति होनी चाहिए। इस नई पहल पर कोई कानूनी रोक नहीं होनी चाहिए। अपनी मांग के समर्थन में ये लोग कई तर्क देते हैं। जैसे उनका कहना है कि दो व्यक्तियों के विवाह की सबसे बड़ी आत्मा प्रेम है। यह जरूरी नहीं कि प्रेम आदमी और औरत के बीच ही हो। वह दो...

  • कश्मीर पर भुट्टो की निराशा

    पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने अनजाने ही कश्मीर के सवाल पर पाकिस्तान की नाकामी को उजागर कर दिया है। वे न्यूयार्क में एक प्रेस-काफ्रेस को संबोधित कर रहे थे। कश्मीर का स्थायी राग अलापते-अलापते उनके मुंह से निकल गया कि कश्मीर के सवाल को अंजाम देना बहुत ‘‘ऊँची चढ़ाई’’ है। इस बात को बिलावल के नाना जुल्फिकार अली भुट्टो अब से 51 साल पहले ही समझ गए थे, जब 1972 के शिमला समझौते में उन्होंने दो-टूक शब्दों में स्वीकार किया था कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय विवाद है। द्विपक्षीय याने इस विवाद का ताल्लुक सिर्फ...

  • विदेश नीतिः भारत से चीन आगे क्यों ?

    विदेश नीति के मामले में चीन कैसे भारत से ज्यादा सफल हो रहा है, इसका ताजा उदाहरण हमारे सामने आया है। हम चीन को अंतरराष्ट्रीय राजनीति में अपना प्रतिद्वंदी समझते हैं और अपनी जनता को हम यह समझाते रहते हैं कि देखो, हम चीन से कितने आगे हैं लेकिन कल ईरान और सउदी अरब के बीच जो समझौता हुआ है, उसका सारा श्रेय चीन लूटे चले जा रहा है और भारत बगलें झांक रहा है। पिछले सात साल से ईरान और सउदी अरब के बीच राजनयिक संबंध भंग हो चुके थे, क्योंकि सउदी अरब में एक शिया मौलवी की हत्या...

  • नगालैंड से सारी दुनिया सीखे

    नगालैंड, त्रिपुरा और मेघालय में भाजपा का डंका बज गया, यह देश ने जमकर देखा लेकिन वहां जो असली विलक्षण घटना हुई है, उसकी तरफ लोगों का ध्यान बहुत कम गया है। वह विलक्षण घटना यह है कि जिन पार्टियों ने चुनाव में एक-दूसरे का डटकर विरोध किया, उन्होंने भी मिलजुल कर अब नई सरकार बनाई है। इतना ही नहीं, वे छोटी-मोटी पार्टियां, जो राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा आदि का विरोध करती रही हैं, उन्होंने भी नगालैंड में ऐसी सरकार बनाई है, जैसी दुनिया के किसी भी लोकतांत्रिक देश में भी नहीं है। नगालैंड की ताजा सरकार ‘नेशनलिस्टिक डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव...

  • राहुलः खुदी को कर बुलंद इतना कि…

    राहुल गांधी का भाषण पहले केंब्रिज विश्वविद्यालय में हुआ, फिर ब्रिटिश संसद में हुआ और फिर लंदन के चेथम हाउस में हुआ। इन तीनों संस्थाओं में मैं पिछले 50-55 साल से जाता रहा हूं। मुझे आश्चर्य हुआ कि हमारे नेताओं में एक नेता इतना योग्य निकला कि इन विश्व-प्रसिद्ध संस्थाओं में भाषण देने के लिए उसे बुलाया गया। मेरा सीना गर्व से फूल गया। लेकिन सच यह है कि इन संस्थाओं के सभा-भवनों को कोई भी किराए पर बुक कर सकता है। राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं और सांसद हैं, इस नाते सरकार की आलोचना करने का उन्हें पूरा...

  • मोहन भागवत और राहुल गांधी

    देश के अखबारों में छपे दो भाषणों पर आपका ध्यान जाए तो आपको आनंद और दुख एक साथ होंगे। आनंद देनेवाला भाषण तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक के मुखिया मोहन भागवत का है और दूसरा दुखद भाषण राहुल गांधी का है। भागवत ने कहा है कि अंग्रेजों के आने के पहले भारत में 70 प्रतिशत लोग शिक्षित थे जबकि इंगलैंड में उस समय सिर्फ 17 प्रतिशत अंग्रेज शिक्षित थे। अंग्रेजों ने, खासकर लार्ड मैकाले ने जो शिक्षा पद्धति भारत में चलाई, उसके कारण भारत में शिक्षितों की संख्या घटती गई। आज भारत के साक्षरों की संख्या सिर्फ 77 प्रतिशत है जबकि चीन,...

  • अडानी-श्रीलंकाः मोदी की चुप्पी?

    गौतम अडानी और हिंडनबर्ग रिपोर्ट के मामले पर नए रहस्योद्घाटन लगभग रोज़ ही हो रहे हैं। इस बार का संसद का सत्र भी इसी मामले का शिकार होनेवाला है, क्योंकि विपक्ष के पास इसके अलावा कोई बड़ा मुद्दा है ही नहीं। वैसे एक मुहावरे में कहा भी गया है कि ‘भागते भूत की लंगोटी ही काफी।’ अब अंग्रेजी के ‘हिंदू’ अखबार में श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी की एक भेंटवार्ता छपी है। उसमें साबरी ने दावा किया है कि श्रीलंका की सरकार के साथ अडानी के कोलंबो बंदरगाह और विद्युत परियोजना के जो सौदे हुए हैं, वे ऐसे ही...

  • मिलावटखोरों को सजा ऐसी हो

    हमारी दो दवा-निर्माता कंपनियों के कारनामों से सारी दुनिया में भारत की बदनामी हो रही है। इस बदनामी से भी ज्यादा दर्दनाक बात यह है कि इन दोनों कंपनियों- मेडेन फार्मा और मेरियन बायोटेक- की दवाइयों से गांबिया में 60 बच्चों और उजबेकिस्तान में 16 बच्चों की मौत हो गई। जब पहले-पहल ये खबरें मैंने अखबारों में देखी तो मैं दंग रह गया। मुझे लगा कि भारत से अरबों रु. की दवाइयों का जो निर्यात हर साल होता है, उस पर इन घटनाओं का काफी बुरा असर पड़ेगा। भारत की प्रामाणिक दवाइयों पर भी विदेशियों के मन में संदेह पैदा...

  • विदेश नीतिः दोनों से दोस्ती

    जी-20 और क्वाड के सम्मेलन भारत में संपन्न हुए। इनसे हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत की छवि तो खूब चमकी और भारत के कई राष्ट्रों के साथ आपसी संबंध भी बेहतर हुए लेकिन जी-20 ने कोई खास फैसले किए हों, ऐसा नहीं लगता। वह रूस-यूक्रेन युद्ध रूकवाने में सफल नहीं हो सका। आतंकवाद और सरकारी भ्रष्टाचार को रोकने पर दो अलग-अलग बैठकों में विस्तार से चर्चा हुई लेकिन उसका नतीजा क्या निकला? शायद कुछ नहीं। सभी देशों के वित्तमंत्रियों और विदेश मंत्रियों ने दोनों मुद्दों पर जमकर भाषण झाड़े लेकिन उन्होंने क्या कोई ऐसी ठोस पहल की, जिससे आतंकवाद...

  • ध्यान देने लायक चार घटनाएं

    कल भारत में घटी चार घटनाओं ने विशेष ध्यान खींचा। पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के चुनाव परिणाम, चुनाव आयोग की नियुक्ति, अडानी-हिंडनबर्ग विवाद की जांच और जी-20 का विदेश मंत्री सम्मेलन। यह सम्मेलन पिछली तीनों घटनाओं के मुकाबले कम ध्यान आकर्षित कर सका लेकिन इसमें भारत के द्विपक्षीय हितों का उत्तम संपादन हो सका। यूक्रेन का मामला छाया रहा, कोई संयुक्त वक्तव्य जारी नहीं हुआ लेकिन पहली बार रूस और अमेरिका के विदेश मंत्री मिले। भारत के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से कई विदेशी नेताओं की आपसी भेंट में कई नए समीकरण बने। जहां तक त्रिपुरा, नगालैंड और मणिपुर के...

  • हिरण पर क्यों लादें घांस ?

    राजस्थान और उत्तरप्रदेश में अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की बाढ़ आ रही है लेकिन ज़रा रूस की तरफ देखें। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पूतिन ने कल एक राजाज्ञा पर दस्तखत किए हैं, जिसके अनुसार अब रूस के सरकारी कामकाज में कोई भी रूसी अफसर अंग्रेजी शब्दों का इस्तेमाल नहीं करेगा। इस राजाज्ञा में यह भी कहा गया है कि अंग्रेजी मुहावरों का प्रयोग भी वर्जित है। लेकिन जिन विदेशी भाषा के शब्दों का कोई रूसी पर्याय ही उपलब्ध नहीं है, उनका मजबूरन उपयोग किया जा सकता है। रूस ही नहीं, चीन, जर्मनी, फ्रांस, और जापान जैसे देशों में स्वभाषाओं की...

  • भाषाः गुजरात से सीखें सभी प्रांत

    गुजरात की विधानसभा ने सर्वसम्मति से जैसा प्रस्ताव पारित किया है, वैसा देश की हर विधानसभा को करना चाहिए। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि गुजरात की सभी प्राथमिक कक्षाओं में गुजराती भाषा अनिवार्य होगी। पहली कक्षा से आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए गुजराती पढ़ना अनिवार्य होगा। जो स्कूल इस प्रावधान का उल्लंघन करेंगे, उन पर 50 हजार से 2 लाख रु. तक का जुर्माना लगाया जाएगा। जो स्कूल इस नियम का उल्लंघन एक साल तक करेंगे, राज्य सरकार उनकी मान्यता रद्द कर देगी। गुजरात में बाहर से आकर रहनेवाले छात्रों पर उक्त नियम नहीं लागू होगा। मेरी...

  • नेपाल में अस्थिरता का नया दौर

    नेपाल में नई सरकार को बने मुश्किल से दो माह हुए हैं और वहां के सत्तारुढ़ गठबंधन में जबर्दस्त उठापटक हो गई है। उठापटक भी जो हुई है, वह दो कम्युनिस्ट पार्टियों के बीच हुई है। ये दोनों कम्युनिस्ट पार्टियां नेपाल में राज कर चुकी हैं। दोनों के नेता अपने आप को तीसमार खां समझते हैं। हालांकि पिछले चुनाव में ये दोनों कम्युनिस्ट पार्टियां नेपाली कांग्रेस के मुकाबले फिसड्डी साबित हुई हैं। नेपाली कांग्रेस को पिछले चुनाव में 89 सीटें मिली थीं. जबकि पुष्पकमल दहल प्रचंड की कम्युनिस्ट पार्टी को सिर्फ 32 और के.पी. ओली की माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी को...

  • आप पार्टीः भाजपा का बड़ा सिरदर्द

    दिल्ली राज्य के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली के शराब-विक्रेताओं से लगभग 100 करोड़ रु. खाए हैं। भ्रष्टाचार के आरोप में आप पार्टी के वित्तमंत्री सत्येन्द्र जैन पिछले कई महिनों से जेल काट रहे हैं। सिसोदिया पर भ्रष्टाचार के आरोप की जांच सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है। उसने दिल्ली सरकार के कई अफसरों, शराब व्यापारियों और दलालों को पहले से जेल में डाल रखा है। सीबीआई ने इन लोगों के घरों ओर मोबाइल फोनों पर छापे मारकर कुछ तथाकथित ठोस प्रमाण भी जुटाए हैं लेकिन मनीष सिसोदिया के...

  • भाग्य के भरोसे झूलता विपक्ष

    अपने रायपुर अधिवेशन में सोनिया गांधी ने अपने राजनीतिक संन्यास की घोषणा बहुत ही मर्यादित ढंग से कर दी है और उन्होंने अपने काल की उपलब्धियों और हानियों का जिक्र भी काफी खुलकर किया है लेकिन कांग्रेसियों का भक्तिभाव भी अद्भुत है। वे बार-बार कह रहे हैं कि इसे आप सोनियाजी का संन्यास क्यों मान ले रहे हैं? वे अब भी कांग्रेस की सर्वोच्च नेता हैं। यह कथन बताता है कि सोनिया गांधी के प्रति कांग्रेसियों में कितनी अंधभक्ति है? क्या आपने कभी अटलजी या आडवाणीजी के प्रति ऐसा भक्तिभाव भाजपा में देखा है? सभी लोकतांत्रिक देशों की पार्टियां समय-समय...

  • कांग्रेसः ढाक के वही तीन पात!

    कांग्रेस पार्टी का 85 वां अधिवेशन अभी पूरा नहीं हुआ है लेकिन अभी तक रायपुर में जो कुछ हुआ है, उसके बारे में क्या कहें? ढाक के वही तीन पात! इंदिरा गांधी के ज़माने से देश की इस महान पार्टी के आकाश से आतंरिक लोकतंत्र का जो सूर्य अस्त हुआ था, वह अब भी अस्त ही है। इसमें कांग्रेेस के वर्तमान नेतृत्व का दोष उतना नहीं है, जितना उसके अनुयायिओं का है। राहुल गांधी का तो मानना है कि कांग्रेस की कार्यसमिति चुनाव के द्वारा नियुक्त होनी चाहिए लेकिन रायपुर अधिवेशन में पार्टी की संचालन समिति ने सर्वसम्मति से तय...

  • मोदी का अपमान : उग्र प्रतिक्रिया ?

    कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिताजी के लिए जिस नाम का प्रयोग किया है, वह घोर आपत्तिजनक है। उसने नरेंद्र दामोदर दास मोदी की जगह ‘नरेंद्र गौतम दास’ शब्द का प्रयोग किया याने आजकल जो उद्योगपति गौतम अडानी का मामला चल रहा है, उसमें उसने अडानी के नाम का इस्तेमाल मोदी के पिताजी की जगह कर दिया। दूसरे शब्दों में यह अपमानजनक कथन यदि भूलवश भी किया गया है तो यह बताता है कि कांग्रेस कितनी दिवालिया हो गई है। उसे अब सोनिया गांधी और राहुल गांधी नहीं बचा सकते। केवल गौतम अडानी ही बचा...

  • अमेरिका में भी ‘हिंदुआना हरकत’?

    अमेरिका के सिएटल नामक शहर में जाति-आधारित भेदभाव पर प्रतिबंध लग गया है। सिएटेल के नगर निगम ने यह घोषणा उसकी एक सदस्य क्षमा सावंत के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए की है। इस घोषणा ने सिएटल को अमेरिका का ऐसा पहला शहर बना दिया है, जहां जातीय भेदभाव अब समाप्त हो जाएगा। सिएटल अमेरिका के सुंदर शहरों में गिना जाता है। मैं उसमें रह चुका हूं। वहां के एक प्रसिद्ध बाजार में भारतीयों, पाकिस्तानियों और नेपालियों की कई दुकानें हैं। उस शहर में लगभग पौने दो लाख लोग ऐसे हैं, जो दक्षिण एशियाई मूल के हैं। आप सोचते होंगे...

  • पंजाब से सीखे सारा भारत

    अब से लगभग 65 साल पहले मैंने इंदौर में एक आंदोलन चलाया था कि सारे दुकानदार अपने नामपट हिंदी में लगाएं। अंग्रेजी नामपट हटाएं। दुनिया के सिर्फ ऐसे देशों में दुकानों और मकानों के नामपट विदेशी भाषाओं में लिखे होते हैं, जो उन देशों के गुलाम रहे होते हैं। भारत को आजाद हुए 75 साल हो रहे हैं लेकिन भाषाई गुलामी ने हमारा पिंड नहीं छोड़ा है। जो हाल हमारा है, वही पाकिस्तान, श्रीलंका और म्यांमार का भी है। नेपाल, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे देशों में ऐसी गुलामी का असर काफी कम दिखाई पड़ता है। इस मामले में पंजाब की...

  • बाइडन की यूक्रेन-यात्रा

    अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की यूक्रेन-यात्रा ने सारी दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया है। वैसे पहले भी कई अमेरिकी राष्ट्रपति जैसे जार्ज बुश, बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रंप इराक और अफगानिस्तान में गए हैं लेकिन उस समय तक इन देशों में अमेरिकी फौजों का वर्चस्व कायम हो चुका था लेकिन यूक्रेन में न तो अमेरिकी फौजें हैं और न ही वहां युद्ध बंद हुआ है। वहां अभी रूसी हमला जारी है। दोनों देशों के डेढ़ लाख से ज्यादा सैनिक मर चुके हैं। हजारों मकान ढह चुके हैं और लाखों लोग देश छोड़कर परदेश भागे चले जा रहे हैं। यूक्रेन फिर...

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