• प्रियंका तो बहाना था महाराज को ललकारना था…

    भोपाल। मध्य प्रदेश की चुनावी राजनीति इन दिनों ग्वालियर -चंबल और विंध्य क्षेत्र के बीच केंद्रित हो रही है। ग्वालियर राजघराने और राघोगढ़ के बीच सम्बन्ध सामान्य कम तनावपूर्ण ज्यादा रहे। लेकिन दोनों घरानों के मुखिया जब तक कांग्रेस में रहे उनके तनावों ने मर्यादा की सीमा को छुआ जरूर मगर उसे पार नही किया। अब ऐसा नही है। हालात बदल गए है। कमलनाथ सरकार में कथित रूप से उपेक्षित और सार्वजनिक रूप से 'सड़क पर उतर जाएं' जैसे वाक्यो से आहत महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ नाथ की सरकार गिरा दी थी। इसके बाद राघोगढ़ के राजा रहे...

  • मप्र भाजपा के ट्रम्प कार्ड हैं नरेंद्र तोमर…

    भोपाल। ताश के 52 पत्तों की तरह राजनीति में भी देहला पकड़ का खेल अब तेज हो गया है। मध्यप्रदेश की सियासत में कांग्रेस ने दिग्विजयसिंह की संगठन शक्ति के चलते भाजपा को तगड़ी चुनौती देना शुरू कर दिया है। इसके चलते 2003 से सत्ता सुख ले रहे भाजपा नेताओं में चिंता की लकीरें देखी जा रही है। महीनों की मशक्कत के बाद राष्ट्रीय नेतृत्व ने दिग्विजयसिंह की काट के रूप में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को मैदान में उतारा है। अत्यंत कठिन दौर, दुविधा और ऊहापोह के बीच उन्हें प्रदेश भाजपा चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक बनाया गया...