शिमला। राजनीतिक संकट के बीच हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार को 2024-25 का बजट ध्वनि मत से पारित हो गया। इसके बाद सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। बजट पारित होते ही भाजपा सदस्यों ने विरोध जताते हुए सदन से बहिर्गमन किया। Himachal Pradesh Assembly Budget
इससे पहले सदन अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने कार्रवाई करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर समेत 15 भाजपा विधायकों को निलंबित कर दिया था। यह निलंबन मंत्री विक्रमादित्य सिंह द्वारा मंत्रिमंडल से इस्तीफे की घोषणा के कुछ ही मिनटों बाद हुआ। उन्होंने कहा कि विधायकों की आवाज को दबाने की कोशिश की गई थी, जिस कारण सरकार के सामने यह स्थिति पैदा हुई है। विक्रमादित्य कांग्रेस के दिग्गज नेता और छह बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के बेटे हैं।
एक दिन पहले हुए उलटफेर में छह कांग्रेस विधायकों ने राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए मतदान में क्रॉस वोटिंग की थी। भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने वालों में मंत्री पद के इच्छुक सुधीर शर्मा (धर्मशाला) और राजिंदर राणा (सुजानपुर), इंद्र दत्त लखनपाल (बड़सर); रवि ठाकुर (लाहौल-स्पीति), चैतन्य शर्मा (गगरेट) और देवेंदर भुट्टो (कुटलैहड़) शामिल थे। तीन निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा के पक्ष में वोट किया। 68 सदस्यीय सदन में कांग्रेस के पास अब 34 विधायक रह गए हैं और भाजपा के पास भी बराबर संख्या बल है।