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31-07-2025 Vol 19

86 वर्षीय यशवंत सिन्हा बनाएंगे नई राजनीतिक पार्टी

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रांची। पूर्व केंद्रीय मंत्री 86 वर्षीय यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) एक और राजनीतिक पारी खेलने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने हजारीबाग में अपने समर्थकों के साथ बैठक में नई राजनीतिक पार्टी बनाने का फैसला किया है। वह जल्द ही इस दिशा में पहल करेंगे। तय हुआ है कि प्रस्तावित पार्टी का नाम ‘अटल विचार मंच’ (Atal Vichar Manch) रखा जाएगा। यशवंत सिन्हा वर्ष 2021 में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे, लेकिन अब पार्टी में उनकी सक्रियता नहीं के बराबर है। हाल के लोकसभा चुनाव में हजारीबाग सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने उनके पुत्र जयंत सिन्हा (Jayant Sinha) का टिकट काट दिया था। इसके बाद उन्होंने यहां भाजपा के प्रत्याशी बनाए गए मनीष जायसवाल की सीधी मुखालफत की थी। यशवंत सिन्हा ने यहां से कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश पटेल को समर्थन दिया था और उनके पक्ष में वोट की अपील भी की थी। हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी को पराजय का सामना करना पड़ा।

यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) के कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में मोर्चा संभालने के बाद इस जिले में भाजपा के कई नेताओं ने उनके स्टैंड पर सहमति जताते हुए पार्टी छोड़ दी थी। हजारीबाग के ऐसे ही नेताओं के साथ यशवंत सिन्हा ने शहर की साकेतपुरी कॉलोनी स्थित अटल भवन में बैठक की। बता दें कि इसी अटल भवन में भाजपा की हजारीबाग जिला इकाई का दफ्तर संचालित होता था। इस भवन का मालिकाना हक यशवंत सिन्हा के पास है। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के बाद उन्होंने यह भवन अपने कब्जे में ले लिया है। अब यही भवन प्रस्तावित नई पार्टी का मुख्यालय होगा। झारखंड में नवंबर-दिसंबर में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और इसमें यशवंत सिन्हा कुछ सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतार सकते हैं। समर्थकों ने सिन्हा से खुद हजारीबाग विधानसभा सीट (Hazaribagh Assembly Seat) से चुनाव लड़ने का आग्रह किया है। यशवंत सिन्हा हजारीबाग लोकसभा सीट से तीन बार सांसद और संयुक्त बिहार में रांची विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं। केंद्र में चंद्रशेखर और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वह वित्त मंत्री और विदेश मंत्री रह चुके हैं।

वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने हजारीबाग सीट से यशवंत सिन्हा की जगह उनके पुत्र जयंत सिन्हा को चुनाव मैदान में उतारा था। यशवंत सिन्हा ने भी 2014 में पुत्र के सांसद बनने के बाद राजनीति से अघोषित तौर पर रिटायरमेंट ले ली थी, लेकिन वर्ष 2020 में वह एक बार फिर सक्रिय हुए। उन्होंने बिहार के कई इलाकों का दौरा किया और ‘भारतीय सब लोग पार्टी’ नामक राजनीतिक दल भी बनाया। हालांकि ‘भारतीय सब लोग पार्टी’ प्रभाव नहीं छोड़ पाई। इसके बाद सिन्हा वर्ष 2021 में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। वर्ष 2022 में वह विपक्षी दलों की ओर से राष्ट्रपति पद के संयुक्त उम्मीदवार बनाए गए थे।

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