Manohar Lal : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में चल रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में मंगलवार को केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने शिरकत की और राज्य सरकार की इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से प्रदेश में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और औद्योगिक विकास को नई गति मिलेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस समिट में हुए एमओयू धरातल पर भी प्रभावी रूप से लागू किए जाएंगे। (Manohar Lal)
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अब तक इस समिट में करीब 22.5 लाख करोड़ रुपये के एमओयू साइन हो चुके हैं, जो अपने-आप में एक बड़ी उपलब्धि है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी राज्य में एमओयू का वास्तविक निवेश में बदलना सरकारी मशीनरी और प्रशासन की तत्परता पर निर्भर करता है। पिछले अनुभवों के आधार पर उन्होंने कहा कि आमतौर पर 15-30 प्रतिशत एमओयू ही जमीनी स्तर पर पूरी तरह लागू हो पाते हैं, लेकिन इस बार मध्य प्रदेश के प्रति निवेशकों में खासा उत्साह देखा गया है। उन्होंने बताया कि अकेले पावर सेक्टर में ही 2.5 लाख करोड़ रुपये के एमओयू साइन हुए हैं, जबकि अन्य विभागों से जुड़ी जानकारी जल्द ही उपलब्ध होगी।
भोपाल और इंदौर में मेट्रो शुरू करने की प्राथमिकता को लेकर उन्होंने कहा कि पहले उन्हीं शहरों में मेट्रो प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाया जाएगा, जहां की आबादी ज्यादा है और परियोजना व्यावहारिक रूप से सफल हो सकती है। उन्होंने बताया कि भोपाल और इंदौर में मेट्रो का विस्तार सरकार की प्राथमिकता है, क्योंकि इन शहरों की आबादी 25 लाख से अधिक हो चुकी है। जब किसी शहर की आबादी 25-40 लाख के बीच होती है, तभी वहां मेट्रो की व्यवहारिकता सिद्ध होती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन में मेट्रो के प्रस्तावों को लेकर भी विचार किया जा रहा है, लेकिन पहले भोपाल और इंदौर की परियोजनाओं को पूरा करना सरकार की प्राथमिकता होगी।
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मेट्रो प्रोजेक्ट में देरी के सवाल पर खट्टर ने कहा कि तकनीकी कारणों, पाइपलाइन की व्यवस्थाओं और प्रशासनिक प्रक्रियाओं के कारण कुछ देरी हुई है। मेट्रो प्रोजेक्ट को कैबिनेट की मंजूरी मिलनी होती है, जिसके बाद ही इसे अमलीजामा पहनाया जाता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही यह परियोजना गति पकड़ने वाली है।
मेट्रोपॉलिटन शहरों के विकास को लेकर उन्होंने कहा कि आने वाले समय में आबादी लगातार बढ़ेगी और शहरों का विस्तार भी होगा। ऐसे में बड़े शहरों पर दबाव कम करने के लिए छोटे-छोटे नोडल शहरों का विकास जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि रैपिड रेल ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आरआरटीएस) जैसी योजनाओं के जरिए 10-15 किलोमीटर की दूरी पर बसे नए शहरों को मुख्य शहरों से जोड़ा जा सकता है, जिससे भीड़भाड़ कम होगी और आवागमन सुगम बनेगा।
रेलवे और ऊर्जा क्षेत्र में सुधारों को लेकर खट्टर ने कहा कि रेलवे में भी सौर ऊर्जा और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा दिया जा रहा है। (Manohar Lal)
उन्होंने कहा कि रेलवे देश में बिजली का सबसे बड़ा उपभोक्ता है और आने वाले समय में इसे पूरी तरह से हरित ऊर्जा पर आधारित करने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकारों की सहमति से ऊर्जा वितरण को संतुलित किया जाएगा, ताकि किसी राज्य की बिजली की जरूरतों पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।