भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के राज्यपाल मंगुभाई पटेल (Mangubhai Patel) ने कहा कि पीड़ित मानवता की सेवा ही मानव का सबसे बड़ा धर्म है। पटेल आज विश्व रेडक्रॉस दिवस (World Red Cross Day) पर समन्वय भवन में एक दिवसीय जूनियर रेडक्रॉस क्षेत्रीय सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज विश्व रेडक्रॉस दिवस के साथ ही विश्व थैलेसीमिया दिवस भी है। रेडक्रॉस की स्थापना युद्ध के दौरान घायल सैनिकों को त्वरित सेवा एवं सहायता पहुँचाने के उद्देश्य से हेनरी ड्यूना ने की थी। रेडक्रॉस मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वतंत्रता, एकता और सार्वभौमिकता के सिद्धांतों पर आधारित स्व-प्रेरित सेवा है। रेडक्रॉस अभियान के मूल में भारतीय संस्कारों और संस्कृति के सिद्धांत निहित हैं। प्रत्येक नागरिक का दायित्व नियमित रूप से रक्त-दान कर थैलेसीमिया एवं सिकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Anaemia) के मरीजों की सहायता करना है।
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पटेल ने कहा कि वर्तमान में रेडक्रॉस विश्व के कई देशों में सोसायटी एवं अस्पताल के माध्यम से समाज-सेवा का कार्य कर रहा है। बच्चों को शिक्षा एवं खेल की सुविधा देने के साथ ही उनमे समाज-सेवा की भावना विकसित करना भी जरूरी है। इसी उद्देश्य से जूनियर रेडक्रॉस सोसायटी की स्थापना की गई है, जिसमें स्कूल के बच्चे रेडक्रॉस से जुड़ सकते हैं। एक दिवसीय जूनियर रेडक्रॉस सोसायटी के क्षेत्रीय सम्मेलन में बच्चों को समाज सेवा के नवाचारों से जोड़ा जायेगा। राज्यपाल ने कहा कि जूनियर रेडक्रॉस शाखा में 18 हजार से अधिक स्कूल के 12 से 18 वर्ष आयु वर्ग के छात्र-छात्राएँ शामिल हैं। आज विश्व की सबसे बड़ी चुनौती गरीबी और निरक्षरता है। स्कूल का प्रत्येक बच्चा जागरूक होकर बड़ा परिवर्तन ला सकता है। उन्होंने कहा कि पूरा विश्व एक परिवार है। भारतीय दर्शन के सिद्धान्त वसुधैव कुटुम्बकम के सूत्र को आधार मानते हुए पीड़ित मानवता की सेवा परम कर्त्तव्य है।
उन्होंने स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) के कथन को याद दिलाते हुए कहा कि सेवा करने का मौका भी सौभाग्य से मिलता है। सेवा कभी खाली नहीं जाती। मानवता की सेवा और कल्याण के कार्यों को दिनचर्या में शामिल करें। राज्यपाल पटेल एवं स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (Inder Singh Parmar) द्वारा रेडक्रॉस की वेबसाइट एवं वार्षिक कैलेंडर का विमोचन किया। विभिन्न जिलों से आये बच्चों में स्वयं की बचत से सेवा-भाव जाग्रत करने के लिए सेवा निधि बैंक के रूप में गुल्लक प्रदान की गई। समाज-सेवा के लिये नगद राशि दान की गई। परमार ने कहा कि शिक्षा, अक्षर ज्ञान तक ही सीमित नहीं है। शिक्षा बच्चे के समग्र विकास, समाज सुधार एवं समाज की समस्याओं को सुलझाने वाला आंदोलन है। रेडक्रॉस में सेवा का उद्देश्य निहित है, जो भारतीय दर्शन का मूल सिद्धांत है। भारतीय दर्शन में पड़ोसी की भी चिंता की जाती है। देश में नई शिक्षा नीति वर्ष 2020 में बनाई गई है, जिसका उद्देश्य भारत को नई चुनौतियों का सामना करने के लिये सक्षम बनाना एवं भारत को सम्पूर्ण विश्व की सहायता के लिये श्रेष्ठ और शक्तिशाली भारत के रूप में निर्मित करना है।
प्रदेश में नवीन तकनीक को अपनाते हुए सभी स्कूलों में 240 घण्टे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) की पढ़ाई प्रारंभ की जा रही है, जिससे बच्चे वर्तमान चुनौतियों का सामना करने के लिये सक्षम बन सकेंगे। एक दिवसीय जूनियर रेडक्रास क्षेत्रीय सम्मेलन में प्रदेश के 7 जिलों से लगभग 800 छात्र-छात्राएँ शामिल हुए, जिनमें समाज सेवा का अद्भुत उत्साह था। कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता एवं रेडक्रॉस के संस्थापक हेनरी डयूना के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। समारोह में रेडक्रॉस की मध्यप्रदेश शाखा के चेयरमेन गगन कोल्हे (Gagan Kolhe) एवं वाइस चेयरमेन भरत झांवर सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे। (वार्ता)