नई दिल्ली। महाराष्ट्र में एनसीपी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को दो हफ्ते का समय और दिया है। सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर को एनसीपी के बागी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला करने के लिए 15 फरवरी तक समय बढ़ा दिया है। अदालत ने पहले इस बारे में फैसला करने के लिए 31 जनवरी की समय सीमा तय की थी। इससे पहले शिव सेना विधायकों की अयोग्यता पर फैसला भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से ही हुआ था।
बहरहाल, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार के गुट से जुड़े एनसीपी विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए शरद पवार गुट की ओर से याचिका दायर की गई है। इस मामले में फैसला करने के लिए समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट से किया था। स्पीकर नार्वेकर की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में कहा कि अयोग्यता की याचिकाओं पर आदेश देने के लिए कुछ और समय लगेगा। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने उनका अनुरोध स्वीकार करते हुए दो हफ्ते का समय और दे दिया।
महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर द्वारा फैसला करने में हो रही देरी को लेकर एनसीपी विधायक जयंत पाटिल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि पिछले साल दो जुलाई को विधायकों की अयोग्यता की अर्जी दी गई थी, जबकि रिमाइंडर और रिप्रेजेंटेशन पांच सितंबर और सात सितंबर को दिया गया था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि अजित पवार और उनके गुट के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर जल्दी फैसला करने के लिए स्पीकर नार्वेकर को आदेश दें।