Maharashtra politics

  • महाराष्ट्र को लेकर संघ की चिंता

    संघ प्रमुख मोहन भागवत के 10 दिन के रांची प्रवास से राज्य में होने वाले चुनाव को लेकर संघ की गंभीरता जाहिर हुई है। इसी तरह महाराष्ट्र में भी विधानसभा का चुनाव होने वाला है और वहां को लेकर भी संघ काफी गंभीर है। माना जा रहा है कि उसकी सबसे बड़ी चिंता गठबंधन की है। भाजपा ने राज्य में शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट और एनसीपी के अजित पवार गुट से गठबंधन किया है। इस गठबंधन यानी महायुति की राज्य में सरकार है और शिंदे मुख्यमंत्री हैं। लेकिन संघ को अजित पवार को लेकर चिंता है। बार बार...

  • पवार, भुजबल मुलाकात से क्या गुल खिलेगा

    शायद ही किसी को इस बात पर यकीन होगा कि महाराष्ट्र की महायुति सरकार के मंत्री और ओबीसी समुदाय के सबसे बड़े नेताओं में से एक छगन भुजबल ने शरद पवार से मराठा और ओबीसी आरक्षण पर बात करने के लिए मुलाकात की। शरद पवार से भुजबल का मिलना संयोग भी नहीं है। यह किसी बड़ी योजना का हिस्सा है, जिसके संकेत पिछले कुछ समय से मिल रहे थे। छगन भुजबल राज्य सरकार से नाराज हैं। नाराजगी का पहला कारण यह है कि एकनाथ शिंदे सरकार ने मराठाओं को कुनबी प्रमाणपत्र देकर उनको ओबीसी कोटे से आरक्षण देने का फैसला...

  • कांग्रेस, एनसीपी ने उद्धव को सपोर्ट नहीं किया!

    महाराष्ट्र में विधान परिषद के चुनाव में उद्धव ठाकरे के करीबी मिलिंद नार्वेकर चुनाव लड़े और हार गए। सवाल है कि जब महाविकास अघाड़ी यानी कांग्रेस, उद्धव ठाकरे और शरद पवार के गठबंधन के पास विधायकों की पर्याप्त संख्या नहीं थी और उनके पास जितने विधायक थे उतने से वे दो सीटें ही जीत सकते थे तो तीसरी सीट पर उम्मीदवार क्यों दिया गया? और अगर उम्मीदवार दिया गया तो उसकी जीत सुनिश्चित करने के लिए क्या राजनीति हुई? ऐसा तो हो नहीं सकता कि उद्धव ठाकरे ने ऐसे ही अपने सबसे करीबी सहयोगी को चुनाव में उतार दिया! तीसरी...

  • पवार की पसंद हैं उद्धव!

    एनसीपी के संस्थापक और महाराष्ट्र के सबसे बड़े नेता शरद पवार ने वैसे तो कहा है कि विपक्षी गठबंधन की ओर से किसी को मुख्यमंत्री का चेहरा पेश करने की जरुरत नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि उनकी पसंद शिव सेना के नेता उद्धव ठाकरे हैं। ध्यान रहे 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद जब भाजपा और एकीकृत शिव सेना के बीच सरकार बनाने को लेकर जद्दोजहद चल रही थी तब शरद पवार ने ही उद्धव ठाकरे को इस बात के लिए तैयार किया था कि वे भाजपा का साथ छोड़ कर कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन के साथ...

  • महाराष्ट्र में ओबीसी पर भाजपा का ध्यान

    भारतीय जनता पार्टी को लगने लगा है कि महाराष्ट्र में मराठा वोट उसे नहीं मिलेगा या बहुत कम मिलेगा। तभी उसने अपनी रणनीति बदली है और अन्य पिछड़ी जातियों पर फोकस किया है। मराठा और ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलनों के बीच भाजपा किसी तरह से पिछड़ी जातियों को अपने साथ जोड़ना चाहती है। तभी राज्य में 11 सीटों के लिए होने वाली विधान परिषद् चुनाव में उसने चार उम्मीदवार पिछड़ी जाति से दिए हैं। ध्यान रहे विधानसभा में विधायकों की संख्या के लिहाज से भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को नौ सीटें मिल सकती हैं। इसमें पांच...

  • पवार के यहां घर वापसी शुरू

    भारतीय जनता पार्टी को लगने लगा है कि महाराष्ट्र में मराठा वोट उसे नहीं मिलेगा या बहुत कम मिलेगा। तभी उसने अपनी रणनीति बदली है और अन्य पिछड़ी जातियों पर फोकस किया है। मराठा और ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलनों के बीच भाजपा किसी तरह से पिछड़ी जातियों को अपने साथ जोड़ना चाहती है। तभी राज्य में 11 सीटों के लिए होने वाली विधान परिषद् चुनाव में उसने चार उम्मीदवार पिछड़ी जाति से दिए हैं। ध्यान रहे विधानसभा में विधायकों की संख्या के लिहाज से भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को नौ सीटें मिल सकती हैं। इसमें पांच...

  • महाराष्ट्र में क्या अकेले लड़ेगी भाजपा?

    भारतीय जनता पार्टी को लगने लगा है कि महाराष्ट्र में मराठा वोट उसे नहीं मिलेगा या बहुत कम मिलेगा। तभी उसने अपनी रणनीति बदली है और अन्य पिछड़ी जातियों पर फोकस किया है। मराठा और ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलनों के बीच भाजपा किसी तरह से पिछड़ी जातियों को अपने साथ जोड़ना चाहती है। तभी राज्य में 11 सीटों के लिए होने वाली विधान परिषद् चुनाव में उसने चार उम्मीदवार पिछड़ी जाति से दिए हैं। ध्यान रहे विधानसभा में विधायकों की संख्या के लिहाज से भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को नौ सीटें मिल सकती हैं। इसमें पांच...

  • अजित पवार को छोड़ेगी भाजपा

    भारतीय जनता पार्टी को लगने लगा है कि महाराष्ट्र में मराठा वोट उसे नहीं मिलेगा या बहुत कम मिलेगा। तभी उसने अपनी रणनीति बदली है और अन्य पिछड़ी जातियों पर फोकस किया है। मराठा और ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलनों के बीच भाजपा किसी तरह से पिछड़ी जातियों को अपने साथ जोड़ना चाहती है। तभी राज्य में 11 सीटों के लिए होने वाली विधान परिषद् चुनाव में उसने चार उम्मीदवार पिछड़ी जाति से दिए हैं। ध्यान रहे विधानसभा में विधायकों की संख्या के लिहाज से भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को नौ सीटें मिल सकती हैं। इसमें पांच...

  • शरद पवार खेमे में भी विवाद

    भारतीय जनता पार्टी को लगने लगा है कि महाराष्ट्र में मराठा वोट उसे नहीं मिलेगा या बहुत कम मिलेगा। तभी उसने अपनी रणनीति बदली है और अन्य पिछड़ी जातियों पर फोकस किया है। मराठा और ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलनों के बीच भाजपा किसी तरह से पिछड़ी जातियों को अपने साथ जोड़ना चाहती है। तभी राज्य में 11 सीटों के लिए होने वाली विधान परिषद् चुनाव में उसने चार उम्मीदवार पिछड़ी जाति से दिए हैं। ध्यान रहे विधानसभा में विधायकों की संख्या के लिहाज से भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को नौ सीटें मिल सकती हैं। इसमें पांच...

  • अजित पवार के सामने बड़ा संकट

    भारतीय जनता पार्टी को लगने लगा है कि महाराष्ट्र में मराठा वोट उसे नहीं मिलेगा या बहुत कम मिलेगा। तभी उसने अपनी रणनीति बदली है और अन्य पिछड़ी जातियों पर फोकस किया है। मराठा और ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलनों के बीच भाजपा किसी तरह से पिछड़ी जातियों को अपने साथ जोड़ना चाहती है। तभी राज्य में 11 सीटों के लिए होने वाली विधान परिषद् चुनाव में उसने चार उम्मीदवार पिछड़ी जाति से दिए हैं। ध्यान रहे विधानसभा में विधायकों की संख्या के लिहाज से भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को नौ सीटें मिल सकती हैं। इसमें पांच...

  • उद्धव, शरद, कांग्रेस साथ रहेंगे

    भारतीय जनता पार्टी को लगने लगा है कि महाराष्ट्र में मराठा वोट उसे नहीं मिलेगा या बहुत कम मिलेगा। तभी उसने अपनी रणनीति बदली है और अन्य पिछड़ी जातियों पर फोकस किया है। मराठा और ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलनों के बीच भाजपा किसी तरह से पिछड़ी जातियों को अपने साथ जोड़ना चाहती है। तभी राज्य में 11 सीटों के लिए होने वाली विधान परिषद् चुनाव में उसने चार उम्मीदवार पिछड़ी जाति से दिए हैं। ध्यान रहे विधानसभा में विधायकों की संख्या के लिहाज से भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को नौ सीटें मिल सकती हैं। इसमें पांच...

  • पंकजा मुंडे का क्या होगा?

    भारतीय जनता पार्टी को लगने लगा है कि महाराष्ट्र में मराठा वोट उसे नहीं मिलेगा या बहुत कम मिलेगा। तभी उसने अपनी रणनीति बदली है और अन्य पिछड़ी जातियों पर फोकस किया है। मराठा और ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलनों के बीच भाजपा किसी तरह से पिछड़ी जातियों को अपने साथ जोड़ना चाहती है। तभी राज्य में 11 सीटों के लिए होने वाली विधान परिषद् चुनाव में उसने चार उम्मीदवार पिछड़ी जाति से दिए हैं। ध्यान रहे विधानसभा में विधायकों की संख्या के लिहाज से भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को नौ सीटें मिल सकती हैं। इसमें पांच...

  • शिंदे, पवार की दबाव की राजनीति

    भारतीय जनता पार्टी को लगने लगा है कि महाराष्ट्र में मराठा वोट उसे नहीं मिलेगा या बहुत कम मिलेगा। तभी उसने अपनी रणनीति बदली है और अन्य पिछड़ी जातियों पर फोकस किया है। मराठा और ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलनों के बीच भाजपा किसी तरह से पिछड़ी जातियों को अपने साथ जोड़ना चाहती है। तभी राज्य में 11 सीटों के लिए होने वाली विधान परिषद् चुनाव में उसने चार उम्मीदवार पिछड़ी जाति से दिए हैं। ध्यान रहे विधानसभा में विधायकों की संख्या के लिहाज से भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को नौ सीटें मिल सकती हैं। इसमें पांच...

  • महाराष्ट्र में कुर्सी का दिलचस्प किस्सा

    भारतीय जनता पार्टी को लगने लगा है कि महाराष्ट्र में मराठा वोट उसे नहीं मिलेगा या बहुत कम मिलेगा। तभी उसने अपनी रणनीति बदली है और अन्य पिछड़ी जातियों पर फोकस किया है। मराठा और ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलनों के बीच भाजपा किसी तरह से पिछड़ी जातियों को अपने साथ जोड़ना चाहती है। तभी राज्य में 11 सीटों के लिए होने वाली विधान परिषद् चुनाव में उसने चार उम्मीदवार पिछड़ी जाति से दिए हैं। ध्यान रहे विधानसभा में विधायकों की संख्या के लिहाज से भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को नौ सीटें मिल सकती हैं। इसमें पांच...

  • उद्धव की साख बिगाड़ने का प्रयास

    भारतीय जनता पार्टी को लगने लगा है कि महाराष्ट्र में मराठा वोट उसे नहीं मिलेगा या बहुत कम मिलेगा। तभी उसने अपनी रणनीति बदली है और अन्य पिछड़ी जातियों पर फोकस किया है। मराठा और ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलनों के बीच भाजपा किसी तरह से पिछड़ी जातियों को अपने साथ जोड़ना चाहती है। तभी राज्य में 11 सीटों के लिए होने वाली विधान परिषद् चुनाव में उसने चार उम्मीदवार पिछड़ी जाति से दिए हैं। ध्यान रहे विधानसभा में विधायकों की संख्या के लिहाज से भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को नौ सीटें मिल सकती हैं। इसमें पांच...

  • अजित पवार भाजपा से अलग चल रहे!

    भारतीय जनता पार्टी को लगने लगा है कि महाराष्ट्र में मराठा वोट उसे नहीं मिलेगा या बहुत कम मिलेगा। तभी उसने अपनी रणनीति बदली है और अन्य पिछड़ी जातियों पर फोकस किया है। मराठा और ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलनों के बीच भाजपा किसी तरह से पिछड़ी जातियों को अपने साथ जोड़ना चाहती है। तभी राज्य में 11 सीटों के लिए होने वाली विधान परिषद् चुनाव में उसने चार उम्मीदवार पिछड़ी जाति से दिए हैं। ध्यान रहे विधानसभा में विधायकों की संख्या के लिहाज से भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को नौ सीटें मिल सकती हैं। इसमें पांच...

  • राहुल नार्वेकर अब ‘गवली गैंग’ के सदस्य हैं

    भारतीय जनता पार्टी को लगने लगा है कि महाराष्ट्र में मराठा वोट उसे नहीं मिलेगा या बहुत कम मिलेगा। तभी उसने अपनी रणनीति बदली है और अन्य पिछड़ी जातियों पर फोकस किया है। मराठा और ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलनों के बीच भाजपा किसी तरह से पिछड़ी जातियों को अपने साथ जोड़ना चाहती है। तभी राज्य में 11 सीटों के लिए होने वाली विधान परिषद् चुनाव में उसने चार उम्मीदवार पिछड़ी जाति से दिए हैं। ध्यान रहे विधानसभा में विधायकों की संख्या के लिहाज से भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को नौ सीटें मिल सकती हैं। इसमें पांच...

  • महाराष्ट्र में भाजपा गठबंधन में विवाद

    भारतीय जनता पार्टी को लगने लगा है कि महाराष्ट्र में मराठा वोट उसे नहीं मिलेगा या बहुत कम मिलेगा। तभी उसने अपनी रणनीति बदली है और अन्य पिछड़ी जातियों पर फोकस किया है। मराठा और ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलनों के बीच भाजपा किसी तरह से पिछड़ी जातियों को अपने साथ जोड़ना चाहती है। तभी राज्य में 11 सीटों के लिए होने वाली विधान परिषद् चुनाव में उसने चार उम्मीदवार पिछड़ी जाति से दिए हैं। ध्यान रहे विधानसभा में विधायकों की संख्या के लिहाज से भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को नौ सीटें मिल सकती हैं। इसमें पांच...

  • सीट बंटवारे के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस में विवाद

    भारतीय जनता पार्टी को लगने लगा है कि महाराष्ट्र में मराठा वोट उसे नहीं मिलेगा या बहुत कम मिलेगा। तभी उसने अपनी रणनीति बदली है और अन्य पिछड़ी जातियों पर फोकस किया है। मराठा और ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलनों के बीच भाजपा किसी तरह से पिछड़ी जातियों को अपने साथ जोड़ना चाहती है। तभी राज्य में 11 सीटों के लिए होने वाली विधान परिषद् चुनाव में उसने चार उम्मीदवार पिछड़ी जाति से दिए हैं। ध्यान रहे विधानसभा में विधायकों की संख्या के लिहाज से भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को नौ सीटें मिल सकती हैं। इसमें पांच...

  • नकली शिव सेना कौन है

    भारतीय जनता पार्टी को लगने लगा है कि महाराष्ट्र में मराठा वोट उसे नहीं मिलेगा या बहुत कम मिलेगा। तभी उसने अपनी रणनीति बदली है और अन्य पिछड़ी जातियों पर फोकस किया है। मराठा और ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलनों के बीच भाजपा किसी तरह से पिछड़ी जातियों को अपने साथ जोड़ना चाहती है। तभी राज्य में 11 सीटों के लिए होने वाली विधान परिषद् चुनाव में उसने चार उम्मीदवार पिछड़ी जाति से दिए हैं। ध्यान रहे विधानसभा में विधायकों की संख्या के लिहाज से भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को नौ सीटें मिल सकती हैं। इसमें पांच...

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